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सामाजिक सद्भावना महत्वपूर्ण है

आज कई राज्यों में कट्टरपंथी विचारधारा ने सामाजिक समरसता को ठेस पहंुचाया है. यह विचारधारा अचानक नहीं, वरण सोची समझी राजनीतिक रणनीति है. इसमें राजनीतिक दलों की सहभागिता स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है. अभी रांची में जो कुछ हुआ वह निंदनीय है. ऐसी घटना बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है. रांची की जनता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2017 6:07 AM

आज कई राज्यों में कट्टरपंथी विचारधारा ने सामाजिक समरसता को ठेस पहंुचाया है. यह विचारधारा अचानक नहीं, वरण सोची समझी राजनीतिक रणनीति है. इसमें राजनीतिक दलों की सहभागिता स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है. अभी रांची में जो कुछ हुआ वह निंदनीय है. ऐसी घटना बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है. रांची की जनता ऐसे गलत कार्यों को तरजीह नहीं देगी क्योंकि वर्षों से यहां सभी धर्मावलंबी मिलजुल कर रहते आ रहे हैं.

इसमें जरूर बाहरी तत्वों का ही हाथ होगा. बेशक उनके साथ कुछ भटके हुए स्थानीय मिल गये होंगे, पर यहां की जनता ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है. सभी राजनीतिक दल इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि किसी भी हाल में सामाजिक समरसता बनी रहे.

राजन राज, रांची

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