नासूर बनते नक्सली
जिस तरह से सुरक्षाबलों को सुकमा में निशाना बनाया, उससे साफ है कि नक्सली संगठनों की ताकत को कमजोर नहीं किया जा सका है. वह जब चाहते हैं, हमारे सैनिकों को निशाना बनाते हैं और हम शोक व्यक्त करने व निंदा करने से आगे कुछ भी नही कर पा रहे. देश के विकास में ज्यादा […]
जिस तरह से सुरक्षाबलों को सुकमा में निशाना बनाया, उससे साफ है कि नक्सली संगठनों की ताकत को कमजोर नहीं किया जा सका है. वह जब चाहते हैं, हमारे सैनिकों को निशाना बनाते हैं और हम शोक व्यक्त करने व निंदा करने से आगे कुछ भी नही कर पा रहे. देश के विकास में ज्यादा खतरा नक्सलियों से है. 10 राज्य के 106 जिले नक्सलवाद से पीड़ित हैं. 1999 से 2015 तक देश में 25 हजार से ज्यादा नक्सली हमले हुए हैं.
2005 से लेकर 19 मार्च 2017 तक 2976 नागरिक मारे गये़ 1882 जवान शहीद हुए़.
नक्सली हर वर्ष 140 करोड़ रुपये की अवैध वसूली करते हैं. देश में सक्रिय नक्सलियों की संख्या 20 हजार के करीब बतायी जाती है, जिनमें से 6-8 हजार नक्सली खूंखार हैं, जबकि दुनिया की तीसरी बड़ी सेना भारत के पास है. यदि पैरामिलिट्री को मिला दिया जाये, तो साढ़े 22 लाख जवान हैं, पर हम उनसे निपट नही पा रहे. यह जाहिर है कि मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है.
अवनिन्द्र कुमार सिंह, इमेल से