जान की कीमत कुछ भी नहीं !

देश के लगभग हर कोने में आतंकियों ने सैकड़ों जवानों की जान ले ली है. आखिर क्यों हमारे जवान ही मारे जाते हैं? क्या उनकी जान की कीमत कुछ भी नहीं ? हम अग्नि की सफल उड़ान, आईपीएल के छक्के और बाहुबली की सफलता का जश्न मानाने में कोई कसर नहीं छोड़ते. दुनिया को निशाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2017 7:06 AM
देश के लगभग हर कोने में आतंकियों ने सैकड़ों जवानों की जान ले ली है. आखिर क्यों हमारे जवान ही मारे जाते हैं? क्या उनकी जान की कीमत कुछ भी नहीं ? हम अग्नि की सफल उड़ान, आईपीएल के छक्के और बाहुबली की सफलता का जश्न मानाने में कोई कसर नहीं छोड़ते. दुनिया को निशाना बनाने की होड़ में शहीदों की कुरबानी को दो लफ्जों में बयां कर फर्ज पूरा कर लेते हैं.
शहीदों के साथ यह नाइंसाफी नहीं तो और क्या है. हां, कुछ मुआवजे, कुछ फूलों के छल्ले और तिरंगे में लिपटी छवि तो जरूर मिल जाती हैं. क्या राजनीति या बातचीत के द्वारा इन समस्याओं का हल निकालने का सार्थक पहल नहीं कर सकते, क्योंकि यही एकमात्र रास्ता है जिससे हम उन्हें बचा सकते हैं.
एमके मिश्रा, रातू, रांची

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