बाबामय मैं सब जग जानी

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार टीवी चैनलों पर खबरों को गौर से देखें- एक बाबाजी प्रायोजित करते हैं. फिल्म एक्ट्रेस सन्नी लियोनी की आगामी फिल्म का हाॅट ट्रेलर- यह खबर बाबाजी ही प्रायोजित करते हैं. यूं बाबाजी किसी प्रवचन में ब्रह्मचर्य का महत्व भी प्रतिपादित कर सकते हैं. दर्शन समझना जरूरी है. समभाव जरूरी है. सन्नी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2017 7:07 AM
आलोक पुराणिक
वरिष्ठ व्यंग्यकार
टीवी चैनलों पर खबरों को गौर से देखें- एक बाबाजी प्रायोजित करते हैं. फिल्म एक्ट्रेस सन्नी लियोनी की आगामी फिल्म का हाॅट ट्रेलर- यह खबर बाबाजी ही प्रायोजित करते हैं. यूं बाबाजी किसी प्रवचन में ब्रह्मचर्य का महत्व भी प्रतिपादित कर सकते हैं. दर्शन समझना जरूरी है.
समभाव जरूरी है. सन्नी लियोनी से लेकर सूर्य नमस्कार तक सबके प्रति समता का भाव बनाये रखा जाना जरूरी है. बाबाजी हर खबर स्पांसर करते हैं. शाकाहारियों का सम्मेलन कामयाब रहा- यह खबर भी बाबाजी ही स्पांसर करते हैं और टुंडे कबाब अपार पापुलर है- यह खबर भी बाबाजी ही स्पांसर करते हैं.बाबाजी की स्पांसर्ड खबरों में योगीजी आते हैं. योगीजी की गाय ने ये किया, योगीजी की गाय ने ये नहीं किया. योगीजी खबरों में हैं. तमान राजनेता संन्यास की अवस्था में हैं. योगीजी लाइमलाइट में हैं और राजनेता एकांतवास में हैं. कबीरदास की उलटी बानी, बरसत कंबल भीजत पानी- कबीरदास ने यह बात जब कही होगी, तब ऐसा ही कुछ रहा होगा कि बाबाजी की प्रायोजित खबरों में योगीजी की गतिविधियां रिपोर्ट की जा रही हैं.
स्टाॅक मार्केट के एक चैनल पर एक बाबाजी बता रहे थे कि जितना मंगल मजबूत हो, उन्हें बिजली के कारोबारवाली कंपनियों के शेयर लेने चाहिए. जिनका शनि कमजोर हो, उन्हें स्टील कंपनियों से दूर रहना चाहिए. ये वाले बाबाजी शाम को किसी चैनल में मोहमाया से दूरी बनाये रखें- ऐसे प्रवचन देते हैं. बंदा रात में इनसे सुने कि पैसे से और शेयर से मोह मत रखो. फिर दिन में यह बतायें कि किस शेयर से कैसे मोह रखा जाये.
अगले चैनल पर एक बाबाजी की हाल में रिलीज हुए फिल्म आ रही थी. आगे चैनल बदला, तो एक और बाबाजी शांति का महत्व समझा रहे थे. अगले चैनल पर कैरियर पर विचार हो रहा था, लीगल कैरियर में अपार संभावनाएं हैं, ऐसा बताते हुए एक वरिष्ठ वकील एक बाबाजी पर लगे बलात्कार के आरोपों पर चर्चा कर रहे थे.
एक चैनल पर मैं देख रहा था- कुछ विद्वान बाबाओं के खिलाफ विमर्श कर रहे थे, बाबा ऐसे, बाबा वैसे, बाबा ये, तो बाबा वो. मुझे लगा कि चैनलों पर सब कुछ बाबामय ही नहीं है, बाबा के खिलाफ भी होता है चैनलों पर.
पर, ठीक तब ही मुझे किसी ने बताया कि आजकल बाबाविरोधी कार्यक्रमों की डिमांड भी बढ़ रही है, इसलिए इन्हें भी चलाना पड़ता है. वैसे, जिस चैनल पर ऐसे प्रोग्राम चल रहे हैं, वह चैनल भी एक बड़े बाबा का ही है.

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