इस चिलचिलाती धूप के मौसम में जहां लोगों का घर से निकलना दूभर हुआ जाता है, वहीं मजदूर जैसे लोग ऊंची-ऊंची इमारतों से लटककर दो रोटी के लिये काम करते रहते हैं, तो कोई सड़कों पर रिक्शा खींचता नजर आता है. लोग उन मजदूरों की जरा-सी लापरवाही या गलती पर जम कर भड़क जाते हैं.
बेचारों को कुछ तो दरजा दिया जाये. राज्य सरकार को चाहिये कि वह उत्तरप्रदेश की नयी सरकार के सीएम योगी के फैसले के तर्ज पर अपने खुद के राज्य में भी पांच रुपये में दाल-रोटी का इंतजाम कर दें ताकि उन गरीबों, मोहताजों का कुछ भला हो जाये और वह इतनी कम मजदूरी में से कुछ पैसे बचा सकें
शादाब इब्राहिमी, ब्राम्बे, रांची