बाल तस्करी को समाज भी रोके

उत्तर पूर्व भारत के जनजातीय बहुल राज्यों से बाल और मानव तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है. विश्व में यह तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है. सामाजिक असमानता, गरीबी और अशिक्षा इसके मूल कारण हैं. कई लोग इसे सुरक्षित पलायन की संज्ञा देतें हैं, परंतु इतना तय है कि दूसरी जगह पर मानसिक, शारीरिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2017 6:11 AM
उत्तर पूर्व भारत के जनजातीय बहुल राज्यों से बाल और मानव तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है. विश्व में यह तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है. सामाजिक असमानता, गरीबी और अशिक्षा इसके मूल कारण हैं.
कई लोग इसे सुरक्षित पलायन की संज्ञा देतें हैं, परंतु इतना तय है कि दूसरी जगह पर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण में सिवा कुछ हासिल नहीं होता. बड़े सब्जबाग दिखा कर बिचौलिये मानव का सौदा पैसे के लिए करते हैं, और फिर मनुष्य अंधकारमय जीवन जीने को विवश हो जाता है. इन बातों से लोगों को अवगत कराना आवश्यक है. ऐसे किसी भी मामले के नजर में आने पर 1098 पर चाइल्ड लाइन, बाल कल्याण समिति या स्थानीय पुलिस को तत्काल सूचित करें.
विकास दोदराजका, चाईबासा.

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