पाक के पाले हुए सांप की कहानी
पाकिस्तान की स्थिति बिना पेंदी के लोटे की तरह है. कभी कुछ कहता है, तो कभी कुछ और. भारत के बार-बार कहने पर भी उसने कभी हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित नहीं किया, लेकिन जब अपने पाले हुए सांप ही डंसने लगे, तब जाकर उसने यह स्वीकार कर लिया कि वह आतंकवादी हमले का सरगना […]
पाकिस्तान की स्थिति बिना पेंदी के लोटे की तरह है. कभी कुछ कहता है, तो कभी कुछ और. भारत के बार-बार कहने पर भी उसने कभी हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित नहीं किया, लेकिन जब अपने पाले हुए सांप ही डंसने लगे, तब जाकर उसने यह स्वीकार कर लिया कि वह आतंकवादी हमले का सरगना है और वह जेहाद के नाम पर आतंक फैला रहा है.
अचानक पाकिस्तान द्वारा ऐसी घोषणा करने के पीछे और भी कारण हो सकते हैं. अभी जाधव का केस भी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में चल रहा है और पाकिस्तान इस मसले पर कड़ा रूख रखे हुए है, लेकिन एक बात तो साफ है कि कोई भी व्यक्ति जब दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, तो पहले वही उस में गिरता है. दुर्भाग्यवश आजकल यही स्थिति पाकिस्तान की दिखती है.
गुलाम गौस आसवी, मदनाडीह, धनबाद