संवेदनहीन होता समाज

होली के दिन शाम को धनबाद-हावड़ा ब्लैक डायमंड में किसी महिला की सोने की चेन कोई चोर छीन कर भाग गया. उस महिला के साथ वाले चोर को तो नहीं पकड़ पाये, लेकिन चोर का साथ देने के आरोप में एक बूट पॉलिश करने वाले को पकड़ लिया. उसे इतनी बुरी तरह पीटा गया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2014 5:24 AM

होली के दिन शाम को धनबाद-हावड़ा ब्लैक डायमंड में किसी महिला की सोने की चेन कोई चोर छीन कर भाग गया. उस महिला के साथ वाले चोर को तो नहीं पकड़ पाये, लेकिन चोर का साथ देने के आरोप में एक बूट पॉलिश करने वाले को पकड़ लिया. उसे इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसकी जान पर बन आयी. वो बेचारा गिड़गिड़ाता रहा कि मैं चोर नहीं हूं, मुझे छोड़ दीजिए.

लेकिन उन लोगों पर तो जैसे भूत सवार था, वे लोग उसे सरेआम लगातार पीटते रहे. फिर रेलवे पुलिस आयी लेकिन उसने भी उस बूट पॉलिश करने वाले को छुड़ाने की जहमत नहीं उठायी और उसे उसके हाल पर छोड़ दिया. उसको लोहे की जंजीर से जानवरों की तरह बांध दिया गया. उसका कसूर क्या था? आखिर कहां गयी समाज की संवेदना, जिसने एक निरीह को बचाने कि जहमत तक नहीं उठायी.

शिवम कुमार, जामताड़ा

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