तरह-तरह के वोटर हैं लोकतंत्र में

लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और इसके लिए पार्टियों और नेताओं की बड़ी तेज गहमा-गहमी चल रही है और सभी जीतने के लिए एड़ी से चोटी तक जोर लगा रहे हैं. चुनाव आयोग का काम भी पारदर्शी, सरल, स्वच्छ और सादा होने से सराहनीय है. उधर जनता भी वोट डालने में पीछे नहीं है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2014 5:36 AM

लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और इसके लिए पार्टियों और नेताओं की बड़ी तेज गहमा-गहमी चल रही है और सभी जीतने के लिए एड़ी से चोटी तक जोर लगा रहे हैं. चुनाव आयोग का काम भी पारदर्शी, सरल, स्वच्छ और सादा होने से सराहनीय है. उधर जनता भी वोट डालने में पीछे नहीं है और इसलिए सौभाग्य से मतदान निरंतर बढ़ता भी जा रहा है. यह सही और स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी भी है. वैसे इस देश में तरह-तरह के वोटर पाये जाते हैं.

कुछ वीआइपी किस्म के वोटर ऐसे होते हैं जो लंबी कतारों में लगना पसंद ही नहीं करते और इसे अपने रुतबे के खिलाफ ही मानते हैं. कुछ लोग यह सोचते हैं कि उसके एक वोट से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, चलो छुट्टी मना लें. कुछ वोटर है राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों में बंटे हुए हैं. लेकिन हमें इससे ऊपर उठकर योग्य उम्मीदवार को चुनना होगा.

वेद प्रकाश, नयी दिल्ली

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