रेल व्यवस्था में तेजस
गंगेश ठाकुर स्वतंत्र टिप्पणीकार यह देश वैसे तो विकास की हर संभावना को हाथों-हाथ लेने का आदी रहा है. लेकिन, पहले लोगों की मानसिकता का विकास किसी भी चीज के विकास से ज्यादा जरूरी है. तेजस जैसी ट्रेन ने अपने सफर की शुरुआत भी नहीं की और पहले ट्रायल में ही ट्रेन की हालत देखने […]
गंगेश ठाकुर
स्वतंत्र टिप्पणीकार
यह देश वैसे तो विकास की हर संभावना को हाथों-हाथ लेने का आदी रहा है. लेकिन, पहले लोगों की मानसिकता का विकास किसी भी चीज के विकास से ज्यादा जरूरी है. तेजस जैसी ट्रेन ने अपने सफर की शुरुआत भी नहीं की और पहले ट्रायल में ही ट्रेन की हालत देखने लायक हो गयी. तेजस एक्सप्रेस के शीशे अज्ञात लोगों द्वारा तोड़ने की खबर सामने आ गयी. तेजस को मुबंई से गोवा की पहली यात्रा पर सोमवार को निकलना था, लेकिन उससे पहले कुछ ने उसके शीशे तोड़ दिये.
इस तेजस ट्रेन में एलइडी टीवी, वाइफाइ, सीसीटीवी जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होने का दावा किया जा रहा है. लेकिन, जिस देश में बड़ी संख्या में लोग सामान्य श्रेणी की टिकट पर यात्रा करने को मजबूर हैं. जहां हर साल कई बड़े ट्रेन हादसे होते हैं, वहां इनमें सुधार के बजाय तेजस जैसी ट्रेनों का परिचालन करने की क्या कोई खास वजह है? आखिर सरकार की इस योजना में से सामान्य जन कहां गायब हो गया है, जबकि रेलवे देश में सामान्य जन की पैरवी करनेवाले संस्थानों में से एक है.
ट्रेन को चलाने के लिए भी जिस रूट का चयन पहले किया गया है, उसे देखिये तो आप खुद ही हैरान हो जायेंगे.यह ट्रेन मुंबई से गोवा के बीच चलेगी. यानी दो ऐसे शहरों के बीच, जिसमें से एक देश की आर्थिक राजधानी है, तो दूसरा भारत का पहला ऐसा शहर है, जिसकी तुलना आप किसी विदेशी शहर से कर सकते हैं. यानी आमजन के लिए सरकार के पास न तो रेलवे में कुछ देखने के लिए है, न ही उनकी सुविधा के बारे में सोचने के लिए ज्यादा समय है.
बड़ी बात है कि तेजस एक सेमी हाइस्पीड लक्जरी ट्रेन है. यह 200 किमी की रफ्तार से चलने में सक्षम है, परंतु ट्रैक इस लायक न होने के कारण फिलहाल वह 160 किमी तक की रफ्तार पर ही चलेगी.
इसकी सभी सीटें खास लेदर की हैं तथा हरेक के पीछे टचस्क्रीन कंट्रोल वाले एलइडी टीवी की व्यवस्था की गयी है. इसमें सेंसर युक्त टचलेस वॉटर टेप व सोप डिस्पेंसर के अलावा हैंड ड्रायर, नयी डिजाइन के डस्टबिन, सीसीटीवी, कॉल बेल, डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड व जीपीएस आधारित पैसेंजर इन्फाॅर्मेशन डिस्प्ले, इंटीग्रेटेड ब्रेल डिस्प्ले, स्नैक टेबल, यूएसबी बेस्ड चार्जिंग के अलावा एग्जिक्यूटिव क्लॉस में गैस स्प्रिंग वाला लेग सपोर्ट दिया गया है.
जनशताब्दी जैसी बेहतरीन ट्रेन में एसी चेयरकार का किराया 940 रुपये है, जबकि तेजस की एसी चेयरकार श्रेणी में बिना कैटरिंग सर्विस के टिकट के लिए 1,175 रुपये चुकाने होंगे. साफ है कि सरकार की यह सेवा सामान्य जन के लिए है ही नहीं.