इवीएम की चुनौती

चुनाव आयोग की ओर से इवीएम से छेड़छाड़ की चुनौती को स्वीकार करने में राजनीतिक दलों के कदम लड़खड़ा रहे हैं क्योंकि उन्होंने जिस तरह इस मुद्दे पर हंगाम किया था, उससे लोगों के मन में जो सवाल खड़े किये गये थे, उसका उत्तर उन्हें देने के लिए उन दलों को चुनौती स्वीकारनी ही होगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2017 6:13 AM
चुनाव आयोग की ओर से इवीएम से छेड़छाड़ की चुनौती को स्वीकार करने में राजनीतिक दलों के कदम लड़खड़ा रहे हैं क्योंकि उन्होंने जिस तरह इस मुद्दे पर हंगाम किया था, उससे लोगों के मन में जो सवाल खड़े किये गये थे, उसका उत्तर उन्हें देने के लिए उन दलों को चुनौती स्वीकारनी ही होगी. बिना कुछ जानकारी लिए हल्ला करना आसान होता है.
लेकिन जब परीक्षा का समय आता है, तब उससे दूर रहना कायरता है. आरोप लगाने वाले दल सिर्फ हवा में तीर चलाना जानते हैं. उन्हें डर लग रहा होगा कि कहीं अपनी पोल न खुल जाये और उस कारण जनता का वह विश्वास न खो बैठे. आरोप लगा कर पीछे हटना और चुनौती स्वीकार करने के बाद उसमें असफल होना. यह दोनों बातें जनता का विश्वास खो बैठने के लिए काफी है.
अर्पिता पाठक, इमेल से

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