मजबूत बने विपक्ष

लोकतंत्र में सता पक्ष की सही आलोचना करने का विपक्ष का अधिकार ही नहीं दायित्व भी है. लोकतंत्र की सफलता के लिए मजबूत विपक्ष आवश्यक है. आज तो विपक्ष को जनहित के मुद्दे स्वयं उठाना तो दूर सत्ता पक्ष द्वारा प्रस्तुत किये जाने पर विपक्ष या तो निष्क्रिय रहता है या बहिष्कार कर भाग जाता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2017 6:15 AM
लोकतंत्र में सता पक्ष की सही आलोचना करने का विपक्ष का अधिकार ही नहीं दायित्व भी है. लोकतंत्र की सफलता के लिए मजबूत विपक्ष आवश्यक है. आज तो विपक्ष को जनहित के मुद्दे स्वयं उठाना तो दूर सत्ता पक्ष द्वारा प्रस्तुत किये जाने पर विपक्ष या तो निष्क्रिय रहता है या बहिष्कार कर भाग जाता है.
कभी-कभी तो सत्ता पक्ष ही विपक्ष का भूमिका निभाते हैं. विरोध और आरोप लगाने के लिए विपक्ष के पास कुछ आधार होना चाहिए. बेबुनियाद और मनगढ़ंत आरोप जनता की नजरों में उन्हें नीचे गिराता है. कांग्रेस अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही है. उनके नेताओं ने पशु खरीद के कानून का विरोध करने के लिए बीच सड़क आपत्तिजनक कार्य को अंजाम दिया. ऐसे में वे खुद ही गिरते जा रहे हैं, तो सकारात्मक विरोध कैसे होगा?
कांतिलाल मांडोत, इमेल से

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