भारत-जर्मनी द्विपक्षीय संबंध

चार देशों की यात्रा पर गये भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जर्मनी को पहले चुनना विशेष महत्व रखता है. ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बाद, यूरोपीय यूनियन का भविष्य जर्मनी पर निर्भर करता है. जर्मनी भारत के लिए बड़ा निवेशक भी है. तकनीक के मामले में जर्मनी विश्व के सबसे अगुवा देशों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2017 6:15 AM
चार देशों की यात्रा पर गये भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जर्मनी को पहले चुनना विशेष महत्व रखता है. ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बाद, यूरोपीय यूनियन का भविष्य जर्मनी पर निर्भर करता है. जर्मनी भारत के लिए बड़ा निवेशक भी है. तकनीक के मामले में जर्मनी विश्व के सबसे अगुवा देशों में से एक है.
भारत जर्मनी के साथ आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन व वैश्विक संस्थाओं में सुधार के मुद्दे पर आम सहमति रखता है. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पेरिस संधि से अलग होने की बात कही है. ऐसे में अन्य देशों को मिल कर अमेरिका पर दबाव बनाना होगा कि वह विश्व के साथ बना रहे. भारत जर्मनी संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग कर रहे हैं. उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी की यह यात्रा जर्मनी के साथ संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी.
आशीष कुमार, उन्नाव

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