झारखंड के बदलाव का हमसफर
रांची प्रभात खबर आज अपनी स्थापना के 37 वर्ष पूरे कर रहा है. प्रभात खबर न केवल संघर्ष का साक्षी रहा है, बल्कि बदलाव की मुहिम का सारथी भी रहा है.
अपने पाठकों के साथ यह बात साझा करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है कि आप सभी के स्नेह और विश्वास के बल पर प्रभात खबर का रांची संस्करण आज अपनी स्थापना के 37 वर्ष पूरे कर रहा है. पिछले 37 वर्ष से प्रभात खबर न केवल संघर्ष का साक्षी रहा है, बल्कि बदलाव की मुहिम का सारथी भी रहा है. प्रभात खबर के आगे बढ़ने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ पाठकों को जाता है.
प्रभात खबर ने जब रांची से अपने सफर की शुरुआत की उस दौरान हमारे पास संसाधनों की भारी कमी थी. लेकिन प्रतिकूल हालात और धारा के विरुद्ध खड़ा होने का साहस प्रभात खबर ने दिखाया. पर एक बात थी जो हमारा हौसला बढ़ा रही थी और वह थी, हमारा पाठकों और झारखंड के समाज के प्रति विश्वास. यही पूंजी थी जिसकी बदौलत हमारी यात्रा आरंभ हुई.
हमें गर्व है कि झारखंड की माटी-पानी का यह अखबार तीन-तीन राष्ट्रीय अखबारों की चुनौती के बावजूद निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है. प्रभात खबर ने हमेशा विकासोन्मुख पत्रकारिता को केंद्र में रखा. हमने समय-समाज के जरूरी सवालों को हमेशा उठाया. कंटेंट के स्तर पर एक नयी किस्म की पत्रकारिता का प्रयास किया. ऐसे दौर में जब सोशल मीडिया के जरिये अनियंत्रित सूचनाओं का प्रवाह हो, तब भरोसे की सूचना पाठकों तक पहुंचाने की हम हर संभव कोशिश करते हैं.
प्रभात खबर झारखंड का एकमात्र अखबार है, जो दीपावली और होली के अवसर पर साहित्यिक अंक प्रकाशित करता है. ग्रामीण पत्रकारिता के क्षेत्र में पंचायतनामा, न्यू मीडिया के क्षेत्र में प्रभात खबर डिजिटल, एफएम रेडियो धूम, आशय यह कि मीडिया के हर क्षेत्र में हमारी दमदार उपस्थिति है. दरअसल, पूरा झारखंड बदलाव के दौर से गुजर रहा है जिसे समझने-समझाने की जरूरत है.
प्रभात खबर ने विकास की मुहिम चलायी और सांस्कृतिक व ऐतिहासिक मूल्यों को नये संदर्भों में रखा. अनेक ऐसे विषय-मुद्दे रहे जिसे हमने पत्रकारिता की नजर से देखा. राजनीति और अपराध का खतरनाक गठजोड़ हो, बुनियादी जरूरतों के संकट की बात हो या शासन के निराशाजनक पहलू, प्रभात खबर हमेशा जनपक्षधरता के साथ खड़ा दिखा.
हमारा मानना है कि इन 37 वर्षों की यात्रा में पाठकों ने हमारा भरपूर साथ दिया और हमें आगे बढ़ने का साहस दिया. इस मौके पर हम उनका दिल से आभार व्यक्त करते हैं. हर सुबह पाठकों तक अखबार पहुंचाने वाले वितरक बंधुओं के प्रति भी हम सम्मान जाहिर करते हैं. यात्रा के इस पड़ाव तक प्रभात खबर के विभिन्न विभागों के सहयोगियों के बगैर पहुंच पाना मुमकिन नहीं था. उन सबके प्रति भी आभार और शुभकामनाएं.