लापरवाही से तीसरी लहर का खतरा
नियमों में छूट का बेजा इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है, लेकिन अभी यह खत्म नहीं हुआ है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने और यात्रा प्रतिबंधों में ढील के बाद बाजारों से लेकर पर्यटक स्थलों तक लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. पर्यटन स्थलों से तो डरावनी तस्वीरें आ रही हैं. शिमला, मनाली, मसूरी, नैनीताल और ऋषिकेश से आती तस्वीरें चिंताजनक हैं. इन पर्वतीय स्थलों पर बड़ी संख्या में पहुंचनेवाले लोग कोरोना नियमों का पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं.
लोगों ने मान लिया है कि कोरोना खत्म हो गया है और उन्होंने मास्क को भी उतार फेंका है, जबकि हम सभी को तीसरी लहर से बचाव के प्रति अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है और हमारे आसपास मौजूद है. लापरवाही बरतने पर कोरोना संक्रमण दोबारा तेजी से फैल सकता है.
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि देश में अब भी कोरोना संक्रमण के लगभग 40 हजार से ज्यादा मामले रोज सामने आ रहे हैं और एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है. केरल, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर के कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. नियमों में छूट का बेजा इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है, लेकिन अभी यह खत्म नहीं हुआ है.
पर्यटक स्थलों पर लोगों के व्यवहार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जतायी है. उन्होंने लोगों को आगाह किया है कि देश में कोरोना खत्म नहीं हुआ है, इसलिए सावधानी जरूरी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में ऐसी कई तस्वीरें आयी हैं, जिनमें लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं और सामाजिक दूरी का भी पालन नहीं कर रहे हैं. यह अच्छा संकेत नहीं हैं. इससे भय का वातावरण पैदा हो रहा है.
उन्होंने कहा कि कोरोना वारियर और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के अथक प्रयास से हम इस वैश्विक महामारी से पूरी ताकत के साथ लड़ रहे हैं. हमने देश की एक बड़ी आबादी का टीकाकरण भी कराया है और वह लगातार जारी है. दूसरी ओर संक्रमण की जांच भी लगातार चल रही है. ऐसे समय में जरा-सी भी लापरवाही मुसीबत का कारण बन सकती है. एक छोटी-सी भूल कोरोना को परास्त करने की हमारी लड़ाई को कमजोर बना देगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले महीनों की तुलना में हमारे यहां संक्रमण के मामले अब कम आ रहे हैं. लोग भी बाहर निकलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें याद रखना होगा कि अभी कोरोना का खतरा खत्म नहीं हुआ है. बहुत से देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और वायरस भी लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है.
विशेषज्ञ भी कोरोना की तीसरी लहर डेल्टा वेरिएंट के रूप में आने की आशंका जता रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारें भी इस वेरिएंट से निपटने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन जिस तरह कोविड नियमों की अनदेखी की जा रही है, उससे तो स्पष्ट है कि आनेवाले समय में लोगों को इस महामारी से एक बार फिर दो-चार होना पड़ सकता है. यदि समय रहते लोग नहीं चेते, तो हम सभी को गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं.
विदेशों का उदाहरण हमारे सामने है. कई देशों में लोगों ने लापरवाही बरती और वहां मामले बढ़ने लगे हैं. ऑस्ट्रेलिया में छूट दिये जाने के बाद लोग बेपरवाह हो गये और उसके बाद सिडनी में लॉकडाउन लगाना पड़ा. न्यू साउथ वेल्स में कोरोना संक्रमण के मामलों का बढ़ना लगातार जारी है. ऑस्ट्रेलिया में पिछले दो सप्ताह से कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गयी है.
ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको समेत कई देशों में भी मामले बढ़ रहे हैं. डेल्टा और लैंब्डा जैसे वैरिएंट ने चिंता और बढ़ा दी है. ऐसे संकेत हैं कि मैक्सिको में महामारी की तीसरी लहर आ गयी है. वहां पिछले दिनों संक्रमण में 29 फीसदी की वृद्धि हुई है. मैक्सिको के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस बार युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. वहां जनवरी में दूसरी लहर आयी थी.
उसके बाद जून तक मामले लगातार घट रहे थे, लेकिन एक बार फिर संक्रमण में तेजी आ गयी है, जबकि वहां 39 फीसदी वयस्कों को टीके की कम से कम एक खुराक दी चुकी है. दक्षिण कोरिया में भी मामले तेजी से बढ़े हैं और वहां एक बार फिर कड़े कदम उठाने की तैयारी है. ब्रिटेन में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. वहां 19 जुलाई से कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियों में छूट दी जानी थी, लेकिन विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, अन्यथा परिस्थितियां बेहतर होने से पहले ही खराब हो जायेंगी. पिछले कुछ दिनों से ब्रिटेन में रोजाना संक्रमण के 35 हजार नये मामले सामने आ रहे हैं.
कोरोना से बचने के केवल चार उपाय हैं- टीका जल्द से जल्द लगवाएं, दूरी बनाये रखें, हाथ लगातार धोएं और मास्क अवश्य लगाएं. हमारे प्रसार के राज्यों- बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल- पर नजर दौड़ाएं, तो पायेंगे कि भीड़-भाड़ वाले स्थान में भी बड़ी संख्या लोग बिना मास्क लगाये घूम रहे हैं. मेहरबानी करके मास्क जरूर पहनें. यह कोरोना संक्रमण की रोकथाम का सबसे अहम अस्त्र है.
विशेषज्ञों की राय है कि हम सबको मास्क को अब जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लेना होगा. संक्रमण से अपने आपको और दूसरों को बचाने के लिए मास्क पहनना बेहद जरूरी हो गया है. मास्क पहनने से कोरोना वायरस के संक्रमण के विस्तार को रोकने की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं. एक अध्ययन के अनुसार, मास्क पहनने से कोरोना संक्रमण के खतरे को 85 फीसदी तक कम किया जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बहुत पहले ही मास्क पहनना अनिवार्य कर देने की सलाह दी थी.
देखने में आया कि लॉकडाउन में जैसे ही छूट दी गयी, लोगों ने जैसे मान लिया है कि कोरोना अब समाप्त हो गया है. बाजारों में भीड़ जमा होने लगी, लोग समारोहों में शामिल होने लगे और लापरवाह नजर आने लगे हैं, जबकि यह समय सबसे अधिक सावधानी बरतने का है. शहरों के चौराहों पर जाम देखने को मिल रहा है. लोग आपस में एक दूसरे से दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं. बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल ही नहीं, यह पूरे देश की कहानी है. यह बात सभी को स्पष्ट होनी चाहिए कि यह लड़ाई लंबी चलनी है. इस मामले में जरा सी भी लापरवाही न केवल आपको, बल्कि आपके परिवार और पूरे समाज को संकट में डाल सकती है.