14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण

केंद्र सरकार की नयी योजना के तहत 194 जिलों में स्थित 300 कौशल केंद्रों पर एक लाख लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कौशल के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा.

सवा साल के कोरोना महामारी के दौर ने स्वास्थ्य सेवा की अनेक खामियों को उजागर किया है. इनमें सबसे गंभीर कमी स्वास्थ्यकर्मियों की समुचित संख्या का अभाव है. इस समस्या के प्रभावी समाधान के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख लोगों को प्रशिक्षित करने की सराहनीय योजना बनायी है. कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा संचालित इस कार्यक्रम के तहत पहले से अनुभवी चिकित्साकर्मियों के कौशल विकास को बढ़ाने के प्रयास भी होंगे.

देश के 28 राज्यों के 194 जिलों में स्थित 300 कौशल केंद्रों को इस योजना के लिए चिन्हित किया गया है. प्रशिक्षण की इस योजना से स्थानीय स्तर पर लोग छोटी अवधि के पाठ्यक्रमों से जीवन रक्षा, आपात स्थिति में मदद, घरों में रोगियों की देखभाल तथा चिकित्सा उपकरणों को चलाने आदि के बारे में सीख सकेंगे. हालांकि अब महामारी की दूसरी लहर बहुत हद तक कमजोर हो चुकी है, लेकिन संक्रमण का खतरा पहले की ही तरह मौजूद है.

इसके अलावा, तीसरी लहर के आने की आशंका भी जतायी जा चुकी है. वायरस के बदलते रूप हमारे सामने नयी चुनौतियां पेश कर रहे हैं. जब तक आबादी के बहुत बड़े हिस्से का टीकाकरण नहीं हो जाता, हम महामारी से छुटकारा पाने की उम्मीद नहीं कर सकते. जिस प्रकार दूसरी लहर ने बहुत कम दिनों में लाखों लोगों को संक्रमित किया है और हजारों लोगों की मौत हुई है,

उसे देखते हुए हर स्तर पर हमारी तैयारी दुरुस्त रहनी चाहिए. कुछ समय पहले जब महामारी अपने चरम पर थी, तब अनेक राज्यों से शिकायतें आयी थीं कि वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य कुछ उपकरणों का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है क्योंकि उन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षित लोग नहीं थे. हर जगह कुछ डॉक्टर और नर्स बड़ी संख्या में संक्रमितों का उपचार कर रहे थे. ऐसे में सभी मरीजों का पूरा ध्यान रख पाना बहुत मुश्किल था. विशेषज्ञों की इस राय से असहमत होने का कोई कारण नहीं है कि यदि चिकित्साकर्मी समुचित संख्या में होते, तो कई जानें बचायी जा सकती थीं.

बीमारों और मृतकों के बारे में जानकारी संग्रहित करने में भी मुश्किलें पैदा हुईं. ऐसी स्थिति में अन्य रोगों से ग्रसित लोगों को भी देखभाल मिलने में कठिनाई हुई. प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ने से इनमें से कई समस्याओं का समाधान हो सकेगा. सबसे अहम बात यह है कि संक्रमितों को राहत देने और जान बचाने में मदद मिलेगी. हाल के दिनों में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा रहा.

कौशल विकास की इस पहल के तहत 20 हजार आइटीआइ प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को 500 से अधिक जिलों में ऑक्सीजन संयंत्रों में लगाया जा रहा है. यह कार्यक्रम न केवल कोरोना संकट से निपटने में मददगार होगा, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी अन्य चिंताओं को दूर करने में भी कारगर होगा. साथ ही, एक लाख नये रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे. केंद्र सरकार को इस कार्यक्रम को अमल में लाने के साथ आगे और विस्तार देना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें