19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बढ़ता निर्यात

निर्यात वृद्धि से इंगित होता है कि विभिन्न देशों के खरीदारों में भारत में निर्मित व उत्पादित वस्तुओं की गुणवत्ता को लेकर विश्वास बढ़ रहा है.

भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न स्तरों पर हो रही बेहतरी के साथ निर्यात बढ़ने का सिलसिला भी बरकरार है. फरवरी के पहले हफ्ते में 28.51 फीसदी की बढ़त के साथ 8.67 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात हुआ. पिछले माह इसमें 23.69 फीसदी की बढ़त दर्ज की गयी थी और कुल निर्यात का मूल्य 34.06 अरब डॉलर रहा था. चालू वित्त वर्ष में हर सप्ताह औसतन सात अरब डॉलर का निर्यात हुआ है.

इस दर की तुलना में इस महीने के पहले हफ्ते में निर्यात लगभग 20 फीसदी अधिक हुआ है. अप्रैल, 2021 से जनवरी, 2022 के बीच भारत ने 335.44 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात किया है, जो पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में हुए निर्यात से 46.53 प्रतिशत अधिक है. इस गति से इंगित होता है कि इस वर्ष 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया जायेगा.

उल्लेखनीय है कि 2020 में महामारी की रोकथाम के लिए लगायी गयी पाबंदियों के कारण औद्योगिक एवं कारोबारी गतिविधियों में बड़ी कमी आयी थी. उस स्थिति से उबरने के लिए निर्यात बढ़ाना जरूरी है. तब बड़े पैमाने पर कृषि उत्पादों के निर्यात से सहारा मिला था. उस साल और बाद में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में लगातार वृद्धि से यह रेखांकित हुआ था कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी आधार मजबूत हैं.

इसी वजह से पाबंदियों के हटने के साथ ही आर्थिक वृद्धि की गति भी बढ़ने लगी है. बीते दो वर्षों में सरकार द्वारा हर तरह के उद्योगों एवं उद्यमों को राहत देने के लिए कई उपाय किये गये हैं. उनका एक सकारात्मक असर बढ़ते निर्यात के रूप में हमारे सामने है. पिछले साल अगस्त में सरकार ने उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की थी.

कुछ दिन पहले प्रस्तुत बजट प्रस्तावों में इस योजना को और विस्तार दिया गया है. इसके साथ ही देश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने के लिए छोटे और मध्यम उद्यमों को भी सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है. वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था को विकेंद्रित करने के प्रयास में कई बड़े अंतरराष्ट्रीय उद्योग भारत में संयंत्र स्थापित कर रहे हैं.

व्यापक घरेलू बाजार के साथ-साथ भारत के वैश्विक जुड़ाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत से उत्पाद भेजना उद्योगों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है. निर्यात में बढ़त से यह भी इंगित होता है कि विभिन्न देशों के खरीदारों में भारत में निर्मित व उत्पादित वस्तुओं की गुणवत्ता को लेकर विश्वास बढ़ रहा है.

उत्पादन की विविधता और मात्रा बढ़ने के कारण कई वस्तुओं का अधिक आयात भी करना पड़ रहा है. ऐसे में व्यापार घाटा कम करना संभव नहीं हो पा रहा है. लेकिन यह स्थिति अधिक समय तक नहीं रहेगी. अभी अधिक आयात पेट्रोलियम उत्पादों, कीमती पत्थर और आभूषण के रूप में हो रहा है. निर्यात बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है और जल्दी ही इसमें और गति आने की उम्मीद की जा सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें