आकलनों की मानें, तो 2025 तक भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की संख्या 90 करोड़ होगी. वर्ष 2020 में लगभग 62.2 करोड़ यूजर थे यानी पांच वर्षों में 45 प्रतिशत की बढ़त संभावित है. उल्लेखनीय है कि इस वृद्धि में मुख्य योगदान ग्रामीण क्षेत्र का होगा. अभी लगभग 31 प्रतिशत ग्रामीण आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल करती है, लेकिन संख्या के लिहाज से यह आंकड़ा शहरी क्षेत्र से अधिक है.
नवंबर, 2019 तक गांवों में 22.7 करोड़ सक्रिय यूजर थे, जबकि शहरी क्षेत्र में यह संख्या लगभग 20.5 करोड़ थी. एक साल में इसमें बड़ी बढ़त भी देखी गयी है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी पर जोर देने तथा सस्ते स्मार्ट फोन की उपलब्धता के साथ सस्ती दरों के कारण यह विकास हुआ है. कल्याणकारी योजनाओं को ऑनलाइन भुगतान व डिजिटल सूचना व सेवा तंत्र से जोड़ने से भी विस्तार में मदद मिली है.
बीते डेढ़ साल की महामारी के दौरान सूचना तकनीक के व्यापक महत्व से भी हम परिचित हुए हैं. इस क्रम में दिसंबर, 2020 में घोषित कार्यक्रम- प्रधानमंत्री वाइ-फाइ एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस- एक बड़ी पहल साबित हो सकती है. इसके तहत इस वर्ष के अंत तक देश में स्थापित 31 हजार वाइ-फाइ हॉटस्पॉट की संख्या बढ़ाकर 20 लाख करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
ऐसा लक्ष्य रखने का उद्देश्य देश में बहुत बड़ी संख्या में नये इंटरनेट यूजर बनाना है. जीवन के सभी क्षेत्र में नयी तकनीकों का महत्व जिस प्रकार बढ़ता जा रहा है तथा डिजिटल क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग आदि का व्यवहार बढ़ रहा है, उसे देखते हुए इंटरनेट को केवल मनोरंजन, लेन-देन और सूचनाओं के आदान-प्रदान तक सीमित नहीं रखा जा सकता है.
इसके इस्तेमाल से कौशल विकास तथा नये अवसरों की ओर उन्मुख होना भी आवश्यक है. नयी तकनीक उद्यमों को भी विस्तार दे सकती है. हालांकि हमारे देश में बीते सालों में जो तकनीकी प्रगति हुई है, वह बेहद उत्साहजनक है, लेकिन इसके बहुआयामी इस्तेमाल की संभावनाओं को साकार करने में अनेक देशों से अभी हम पीछे हैं. देश के तीव्र आर्थिक और तकनीकी विकास के लिए आवश्यक है कि हम डिजिटल मोर्चे को प्राथमिकता दें.
इस संबंध में हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित ई-रूपी पहल बड़ा कदम है. तकनीक को आबादी के बड़े हिस्से तक पहुंचाने और उसके इस्तेमाल से रोजगार, कार्य क्षमता और आमदनी बढ़ाने के लिए तेज गति की इंटरनेट सेवाएं सर्वसुलभ करना जरूरी है.
जब देश में 20 लाख सार्वजनिक हॉटस्पॉट लगेंगे, तो कनेक्टिविटी और स्पीड की समस्या कम भी हो जायेगी तथा अधिक से अधिक लोगों को इस्तेमाल की सुविधा भी मिलेगी. आकलन इंगित करते हैं कि नयी तकनीक से ग्रामीण क्षेत्रों में 31 लाख अतिरिक्त रोजगार पैदा हो सकता है. शहरी क्षेत्रों में विकास का नेतृत्व स्मार्ट सिटी के जिम्मे होगा. इन पहलों को अपनाने पर जोर दिया जाना चाहिए.