बढ़ती अर्थव्यवस्था
पिछले पांच साल के औसत के हिसाब से भारत की विकास दर दुनिया में सबसे अधिक है.
वैश्विक आर्थिकी और भू-राजनीतिक हलचलों के बीच यह उत्साहजनक बात है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आगामी एक-डेढ़ दशकों में तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जायेगी. यह आकलन अनेक वाणिज्यिक संस्थाएं प्रस्तुत कर चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि देश ने बीते तीन दशकों में जो आर्थिक उपलब्धियां हासिल की है, उतना हम अगले कुछ वर्षों में प्राप्त कर सकेंगे.
उन्होंने चुनौतियों का भी उल्लेख किया है कि दो-तीन साल से दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, तो दूसरी ओर युद्ध की स्थितियां भी हैं. इनका असर निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है. पर, जैसा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेखांकित किया है, इन परिस्थितियों के बावजूद भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रहे देशों में एक है.
बीते कुछ वर्षों में जो बड़े आर्थिक सुधार हुए हैं तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ वैश्विक आपूर्ति शृंखला में महत्वपूर्ण हिस्सेदार बनाने के लिए जो प्रयास हो रहे हैं, उनके अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं. हालांकि इस साल देश के कई हिस्सों में मानसून अनिश्चित रहा, पर दक्षिण-पश्चिमी मानसून सामान्य से बेहतर रहने से कृषि को सहारा मिला है. सरकार ने सार्वजनिक खर्च को लगातार बढ़ाया है. हमारे देश का निजी क्षेत्र और बैंक सुदृढ़ हैं.
कोरोना महामारी पर नियंत्रण के साथ ही उपभोक्ताओं और कारोबारियों में उत्साह बढ़ा है. आर्थिक सुधारों तथा नीतिगत पहलों से जहां घरेलू उद्योगों एवं उद्यमों में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं विदेशी निवेश को आकर्षित करने में भी सफलता मिल रही है. हाल में जारी सितंबर के आंकड़े बताते हैं कि औद्योगिक उत्पादन अगस्त के मुकाबले 3.1 प्रतिशत बढ़ा है. स्वतंत्र विदेश और वाणिज्य नीति के कारण भारत में दुनिया का भरोसा भी लगातार बढ़ रहा है.
वैश्विक निवेश बैंक मॉर्गन स्टैनली ने अनुमान लगाया है कि 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा. यदि पिछले पांच साल की औसत वृद्धि दर के हिसाब से देखें, तो भारत की विकास दर दुनिया में सबसे अधिक है. यह औसत वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रही है. इस दशक के अंत तक भारतीय शेयर बाजार भी शीर्ष के तीन बाजारों में शामिल हो सकता है.
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आशा जतायी है कि अगले 25 वर्षों में भारत एक आर्थिक महाशक्ति बन जायेगा. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का आह्वान किया है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के सौवें वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है.