विकास की गति को तेज करेगा यह बजट
छोटे एवं लघु उद्योगों के लिए नौ हजार करोड़ रुपये की सहायता से दो लाख करोड़ का क्रेडिट फ्लो होगा और उत्पाद की कीमत एक फीसदी कम होगी.
यह बजट संतुलित और प्रगतिशील है. इसमें समग्र विकास को प्राथमिकता दी गयी है. बजट में की गयी घोषणाओं में अर्थव्यवस्था की जरूरतों का ध्यान रखा गया है. इसमें अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान लगाया गया है और वित्तीय घाटे को कम करने के उपाय किये गये है, उससे हमारी अर्थव्यवस्था की साख मजबूत होगी.
सबसे खास बात है कि सार्वजनिक खर्च में की गयी ऐतिहासिक वृद्धि से विभिन्न क्षेत्रों में तेजी आयेगी और निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. विकास दर को बनाये रखने के लिए निवेश और खपत को बढ़ाने की जरूरत थी. इसी के मद्देनजर सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर होने वाले खर्च में 33 फीसदी की वृद्धि यानी 10 लाख करोड़ खर्च करने की घोषणा की है. यह जीडीपी का 3.3 फीसदी है. मध्यवर्ग को आयकर में छूट देने के फैसले से खपत बढ़ने की संभावना है. वित्त मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वित्तीय घाटे से समझौता किये बिना विकास प्राथमिकता रहेगी.
बजट में मैन्युफैक्चरिंग प्रतिस्पर्द्धा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और सभी वर्गों को आजीविका मुहैया कराने में सहयोग देने पर जोर दिया है. वैश्विक स्तर पर विकास दर में आयी कमी को देखते हुए सरकार का भारत को निर्यात के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनाने का वादा स्वागत योग्य है और बजट में निर्यात को सहयोग देने का निर्णय सही समय में उठाया गया सही फैसला है.
बजट में छोटे एवं लघु उद्योगों के लिए की गयी घोषणा काफी अहम है. इस उद्योग के लिए नौ हजार करोड़ रुपये की सहायता से दो लाख करोड़ का क्रेडिट फ्लो होगा और उत्पाद की कीमत एक फीसदी कम होगी. सरकार ने कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया है. उद्योग की जरूरत के हिसाब से युवाओं का कौशल विकास, डिजिटलीकरण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का गठन और निजी क्षेत्र की भागीदारी, कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास,
छोटे एवं लघु उद्योगों के लिए डिजीलॉकर, कौशल विकास का समग्र डिजिटल प्लेटफार्म और नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी से देश में सुधार के नये युग की शुरुआत होगी. इससे देश में इनोवेशन बढ़ेगा और स्टार्टअप का तेजी से विकास होगा. बजट में कृषि पर विशेष फोकस रहा है. देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम रोल है और बजट में इसपर खास ध्यान दिया गया है. बजट में एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड की घोषणा से ग्रामीण क्षेत्र के युवा उद्यमियों को एग्री स्टार्टअप शुरू करने में मदद मिलेगी. किसानों के लिए कॉपरेटिव आधारित आर्थिक विकास का मॉडल एक बेहतर कदम है.