आपदा में अवसर तलाशने की कोशिश
आपदा में अवसर तलाशने की कोशिश
कोरोना संकट ने देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया है. यह बजट इस आपदा में अवसर तलाशने की एक कोशिश है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अर्थव्यवस्था में बड़े सुधार की उम्मीद जतायी, साथ ही कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत का विजन है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट छह स्तंभों पर टिका है. पहला स्तंभ है- स्वास्थ्य, दूसरा- पूंजी और बुनियादी ढांचा, तीसरा- समग्र विकास, पांचवां- नवाचार और अनुसंधान तथा छठा स्तंभ- न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन.
जैसी कि उम्मीद की जा रही थी, कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. यह बजट ऐसे वक्त में आया है, जब देश की जीडीपी में भारी गिरावट आयी है. सवाल यह है कि क्या यह बजट 2021 में अर्थव्यवस्था को पटरी में लाने में मददगार साबित होगा?
अर्थव्यवस्था की इस सुस्ती से सभी चिंतित हैं. हालांकि इस सुस्ती को सीमित अवधि का बताया जा रहा है. बजट में लोगों की निगाहें इसी पर लगी थीं कि सरकार इस सुस्ती को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है. इसमें सबसे अहम इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को माना जाता है. इस क्षेत्र में निवेश अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है.
देश में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गयी हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इन योजनाओं को धरातल पर उतारने की है. इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और चुनावी साल में वित्त मंत्री ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम के लिए नेशनल हाइवे और नये इकॉनोमिक कॉरिडोर का एलान किया है.
शेयर बाजार को यह बजट बेहद पसंद आया और सेंसेक्स में भारी उछाल आयी. पिछले कुछ वर्षों की बजट बाद की यह सबसे बड़ी उछाल है, लेकिन यह भी सच है कि शेयर बाजार अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर पेश नहीं करता है. देश में अर्थव्यवस्था सुस्त है, लेकिन पिछले कुछ समय से देश में शेयर बाजार नित नये रिकॉर्ड बना रहा है.
Posted By : Sameer Oraon