साझी नीति और नीयत जरूरी
बिहार और ओडिशा के मुख्यमंत्रियोंकी एक राय थी कि अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए सभी राज्यों की एक साझा नीतिबने और दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद अभी संक्रमण के हॉटस्पॉट हैं. बिहार अभीटॉप 15 की सूची से बाहर है
केसी त्यागी, पूर्व सांसद एवं महासचिव, जद(यू)
मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के चौथे दौर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यद्यपि अमेरिका और यूरोपीय देशोंके मुकाबले स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन संक्रमण का खतरा निरंतर बनाहुआ है. उन्होंने शारीरिक दूरी के सिद्धांत को मानते हुए सभी को अपनेस्थानों पर भी बने रहने का मंत्र दिया. बिहार और ओडिशा के मुख्यमंत्रियोंकी एक राय थी कि अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए सभी राज्यों की एक साझा नीतिबने और दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद अभी संक्रमण के हॉटस्पॉट हैं. बिहार अभीटॉप 15 की सूची से बाहर है. बिहार में पांच लोगों के द्वारा 101 व्यक्तिसंक्रमित हुए हैं. मुंगेर और नालंदा के 28 और 19 लोगों का स्रोत एकव्यक्ति रहा है.
फैलाव की गंभीरता को महसूस करते हुए राज्य सरकार हर चौखटपर स्क्रीनिंग कर रही है, ताकि संदिग्धों की पहचान भी हो सके और उन्हेंमदद भी हो सके. लगभग 75 लाख परिवारों के चार करोड़ से अधिक लोगों कीस्क्रीनिंग हो चुकी है. बिहार सरकार का यह अभियान प्लस पोलिस की तर्ज परहै. लॉकडाउन में फंसे लोगों की मदद एवं उन्हें सुरक्षित अपने घरों तकपहुंचाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर एक याचिका के उत्तर मेंकेंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन के दौरानइन व्यक्ति या समूहों को आवाजाही से सुरक्षा इंतजामों की गंभीरता हीसमाप्त हो जायेगी. महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्र सरकार से रेलगाड़ियोंकी व्यवस्था कराने के प्रश्न पर केंद्र सरकार ने ऐसा ही रुख अख्तियारकिया है.अदालत में एक अन्य याचिका की सुनवाई में सरकार की ओर से विस्तार सेजानकारी दी गयी है कि किस प्रकार कम आय वर्ग के लोगों एवं बेरोजगार होगये श्रमिकों को राहत पहुंचायी जा रही है.
प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओंमें कार्यरत लगभग 14.3 लाख लोग इन शिविरों में निगरानी एवं देखभाल कर रहेहैं. इसके अतिरिक्त 26,225 भोजन शिविर अस्तित्व में आ चुके हैं, जहां से1.34 करोड़ जरूरतमंद लोगों को भोजन दिया जा रहा है.बिहार सरकार ने भी अपनी बेवसाइट पर और सूचना केंद्रों के द्वारा राज्यमें किये गये सहायता प्रयासों पर जानकारी साझा की है. देशभर के डीएमडी औरबिहार फाउडेंशन 52 राहत केंद्र स्थापित कर उचित सत्यापन के बाद सहायतापहुंचा रहे हैं, जिसमें ताजा खाना एवं फूड पैकेट की राहत भी शामिल है. इनकेंद्रों से लगभग अकेले दिल्ली में ही 20,000 लोगों के लिए भोजन वितरणसंभव हो पा रहा है. बिहार राज्य से बाहर के प्रवासियों के लिए एक हजाररुपये उनके खाते में भेजे जा चुके हैं. ऐसे लाभार्थी लोगों की संख्यालगभग 16 लाख है. राज्य स्तर पर भी रोजगार के नये अवसरों के सृजन का कार्यप्रगति पर है.
जल जीवन, हरियाली अभियान स्रोत निश्चय योजना, खाद्यसुरक्षा एवं मनरेगा के तहत कार्य योजना जैसी पहलें निरंतर कार्यरत हैं.केंद्रीय निर्देश का उल्लंघन करने के खतरनाक परिणाम देखने को मिले हैं.महाराष्ट्र के सिख समुदाय का श्रेष्ठ धार्मिक स्थल नांदेड़ साहब के नामसे विख्यात है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंद्र सिंह के गैरजिम्मेदारानाव्यवहार से पंजाब में तेजी से संक्रमण फैलने की आंशका पैदा हो गयी है.लॉकडाउन के सभी नियमों को धता बताकर लगभग 100 से अधिक श्रद्धालुओं कोलंबा रास्ता तय कर पंजाब के तरणतारन पहुंचा दिया गया. इस दौरान आवश्यकनिर्देश का भी पालन नहीं किया गया, जिसके कारण संक्रमित 11 लोगों से काफीलोगों के लपेटे में आने की आशंका है.
मुख्यमंत्री इस वजह से चारों तरफ सेआलोचना झेल रहे हैं और उनको सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी है. ऐसेदौर में भी केंद्र और राज्य के संबंधों को लेकर बहस तीखी होती जा रही है.वहीं दूसरी ओर एक राज्य दूसरे राज्य के विरुद्ध आमने-सामने खड़े हो गयेहैं. तमिलनाडु ने सीमावर्ती जिलों से कर्नाटक जाने के सभी रास्ते बंद करदिये हैं. स्थानीय लोगों ने बगैर सरकारी मदद के स्वयं ही सभी केंद्रों परअवरोधक लगा दिये हैं, जिससे दोनों राज्यों के नागरिकों के बीच आपसी तकरारकी स्थिति बनी हुई है. सबसे चिंताजनक खबरें दिल्ली व हरियाणा से आ रहीहैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का केंद्र होने के कारण लाखों लोग सरकारीव निजी क्षेत्र की नौकरी एवं व्यापार में लगे हुए हैं, जिनका रोज हरियाणामें गुड़गांव, फरीदाबाद, मानसेर, झज्जर, बहादुरगढ़ एवं सोनीपत सेआना-जाना है.
हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन के नाम पर ऐसे किसी भी आवागमन परप्रतिबंध लगा दिया है. लाखों लोग दिल्ली में फंसे हैं. दिल्ली की आजादपुरमंडी में भी अराजकता की स्थिति है. हरियाणा सरकार ने हिमाचल औरजम्मू-कश्मीर से आनेवाले फल, फूल एव सब्जियों से लदे ट्रकों पर रोक लगादी है. कई किलोमीटर लंबी लाइनें कानून-व्यवस्था एवं शारीरिक दूरी केसिद्धांतों को भी अंगूठा दिखा रही हैं. यह संकट का दौर है. जब 130 करोड़भारतीय और 12 करोड़ बिहारी संयुक्त रूप से कोरोना पर हल्ला बोलेंगे, तभीकोरोना से मुकाबला हो पायेगा. तात्कालिक राजनीतिक लाभ के लिए सरकार केप्रयासों में व्यवधान मुख्य समस्या से ध्यान हटाने जैसी कार्यवाही है.(ये लेखक के निजी विचार हैं.)