स्वतंत्रता के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को साकार करने में स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे. यह विश्वास जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप के क्षेत्र में बढ़ोतरी को रेखांकित किया है कि यह वृद्धि केवल महानगरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संस्कृति बन चुकी है और युवा उद्यमी अपने नवोन्मेष को छोटे शहरों में भी ले जा रहे हैं. भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. स्टार्टअप महाकुंभ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आशा जतायी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत अग्रणी बनेगा. उन्होंने युवा उद्यमियों से ऐसे भारतीय समाधानों के लिए काम करने का आह्वान किया है, जिससे दुनियाभर की समस्याओं के हल करने में सहयोग मिले. जनवरी 2016 में शुरू किये गये भारत सरकार के स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत संचालित भारत स्टार्टअप इकोसिस्टम रजिस्ट्री के माध्यम से इस क्षेत्र में प्रभावी ढंग से निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास हो रहे हैं. इस रजिस्ट्री में एक विस्तृत डेटाबेस है, जिससे सभी संबंधित पक्ष एक-दूसरे से जुड़ते हैं तथा सहयोगों का आदान-प्रदान करते हैं.
रक्षा और अंतरिक्ष समेत भारत सरकार के विभिन्न विभागों में स्टार्टअप उद्यमों से वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद की जा रही है. सरकार के ई-मार्केटप्लेस पोर्टल पर स्टार्टअप कंपनियों ने 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है. हमारे देश में दिसंबर 2023 तक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या लगभग 1,17,254 है, जिनमें लगभग 110 यूनिकॉर्न हैं. यूनिकॉर्न स्टार्टअप उन कंपनियों को कहा जाता है, जिनका मूल्य एक अरब डॉलर से अधिक होता है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में यह भी रेखांकित किया कि स्टार्टअप उद्यमों ने 12 हजार से अधिक पेटेंट आवेदन दिया है, जो नवोन्मेष की बढ़ती गति को दर्शाता है. हाल में भारत में एक लाख से अधिक पेटेंट दिये गये हैं, जिनमें आधे भारतीय नवोन्मेष हैं. पिछले साल वैश्विक स्तर पर पेटेंट आवेदन में सर्वाधिक वृद्धि दर भारत के खाते में रही थी. यह भी उपलब्धि ही है कि 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप कंपनियों की बागडोर महिलाओं के हाथों में है. स्टार्टअप इकोसिस्टम की वजह से 12.4 लाख से अधिक रोजगार सृजन हुआ है. सात वर्षों में स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत ऐसी उपलब्धियां बहुत उत्साहजनक है. भारत ने नेशनल क्वांटम मिशन, इंडिया एआइ मिशन और सेमीकंडक्टर मिशन जैसे कार्यक्रमों के साथ-साथ 6जी इंटरनेट पर भी शोध शुरू किया है. ऐसे प्रयासों से स्टार्टअप इकोसिस्टम को बड़ा आधार हासिल होगा.