कम होता प्रकोप
कुछ हिस्सों की चिंताजनक स्थिति के बावजूद संक्रमण में कमी के रूझानों को देखते हुए कहा जा सकता है कि महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका फिलहाल नहीं है.
तीन सप्ताह तक कोरोना वायरस के संक्रमण में बढ़ोतरी के दौर के बाद बीते सप्ताह की गिरावट से कुछ राहत मिली है. पिछले सप्ताह उसके पहले के सप्ताह की तुलना में संक्रमण के मामलों में 16 प्रतिशत की कमी आयी है. यदि छह से 13 सितंबर के सप्ताह के सबसे अधिक वृद्धि से तुलना करें, तो बीते सप्ताह संक्रमण में 62 प्रतिशत की कमी आयी है. बीच में यदि एक सप्ताह की बढ़त को छोड़ दें, तो गिरावट का यह सिलसिला 12 सप्ताह से लगातार जारी है.
देश के कुछ हिस्सों में स्थिति चिंताजनक है, फिर भी कोविड-19 के प्रसार में कमी के रुझानों को देखते हुए कहा जा सकता है कि महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका फिलहाल नहीं दिखती है. लेकिन यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि संक्रमितों की संख्या अभी भी बड़ी है तथा बीते चार सप्ताह में मृतकों की संख्या साढ़े तीन हजार के आसपास बनी हुई है. पिछले सप्ताह 2.45 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं. रविवार को 33 हजार से अधिक मामले सामने आये हैं, जबकि उसके पहले के चार दिनों में प्रतिदिन संक्रमण का औसत 34 से 36 हजार के बीच रहा था.
संक्रमण से सबसे अधिक मौतें 13 से 20 सितंबर के बीच हुई थी. उस सप्ताह यह संख्या आठ हजार से भी अधिक रही थी. उस समय की तुलना में मृतकों की संख्या में 58 प्रतिशत की कमी आयी है. चिंता की एक बात यह है कि संक्रमण से मुक्त होनेवाले लोगों की दर की बढ़ोतरी हाल के सप्ताहों में कुछ घटी है. इसका एक अर्थ यह है कि कुछ लोगों के ठीक होने में अधिक समय लग रहा है. चिंताओं के बावजूद यह कहा जा सकता है कि महामारी की रोकथाम की कोशिशें सही दिशा में जा रही हैं.
साथ ही, यह भी संज्ञान में रखना आवश्यक है कि कोरोना वायरस को पूरी तरह काबू में करने तक हमें सावधानी और सतर्कता के साथ रहना है तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचना है. भारत समेत अनेक देशों में कोविड-19 के लिए टीका तैयार करने की कोशिशें युद्धस्तर पर हो रही हैं तथा बहुत जल्दी विभिन्न कंपनियों द्वारा इसे मुहैया करा दिया जायेगा. रिपोर्टों की मानें, तो भारत सरकार आगामी जुलाई तक तीस करोड़ लोगों को प्राथमिकता के अनुसार टीका देने की योजना बना रही है.
वैक्सीनों को आवश्यक अनुमति मिल जाने के साथ ही इस योजना पर काम शुरू हो जायेगा. धीरे-धीरे बाकी आबादी के लिए भी टीके उपलब्ध हो जायेंगे. चूंकि हमारे स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संकट से जूझने और लोगों की जान बचाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और ऐसा उन्हें आगे भी करते रहना है. इसलिए सरकार ने सबसे पहले उन्हें टीका देने का निर्णय किया है. ऐसे में आगामी महीनों में हमें आवश्यक निर्देशों का पालन करना है तथा संक्रमण को फैलने से रोकना है.
Posted by : Pritish sahay