कोरोना की चुनौती
देश की वयस्क आबादी के 92 फीसदी को दोनों खुराक तथा 98 फीसदी को कम-से-कम एक खुराक दी जा चुकी है.
भारत समेत दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट जारी है, लेकिन यह महामारी अभी भी आपात स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह घोषणा करते हुए कहा है कि संक्रमण में बड़ी कमी के बावजूद देशों को मुस्तैद रहना होगा तथा टीकाकरण अभियान को जारी रखना होगा. लगभग तीन साल से समूची दुनिया इस महामारी से त्रस्त है. अब तक संक्रमण से लगभग 66 लाख लोगों की मौत हो चुकी है तथा कुल संक्रमितों की संख्या लगभग 63 करोड़ है.
दुनियाभर में सोमवार को 1356 लोग मरे हैं तथा मृतकों की संख्या का सात दिनों का औसत 1522 रहा है. भारत में कुल संक्रमितों की तादाद अब तक 4.46 करोड़ रही है तथा मृतकों का आंकड़ा 5.29 लाख है. बीते 24 घंटों में संक्रमण से 16 लोगों की जान गयी है तथा 1334 नये मामले सामने आये हैं. निश्चित रूप से हमारे देश में कोरोना महामारी पर नियंत्रण कर लिया गया है, लेकिन जब तक संक्रमण को शून्य के स्तर पर नहीं लाया जाता है, हम पूरी तरह चिंतामुक्त नहीं हो सकते हैं.
हाल ही में देश में कोरोना वायरस के पांच नये उप-प्रकारों का पता चला है. ये वायरस अपेक्षाकृत बहुत कम घातक हैं, लेकिन गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए संक्रमण जानलेवा हो सकता है. भारत ने अपने सफल टीकाकरण अभियान से दुनिया के सामने एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया है. दुनिया के सबसे बड़े अभियान के तहत अब तक 219.32 करोड़ खुराक दी जा चुकी है. देश की वयस्क आबादी के 92 फीसदी को दोनों खुराक तथा 98 फीसदी को कम-से-कम एक खुराक दी जा चुकी है.
बूस्टर डोज और किशोरों का टीकाकरण भी जारी है. इस संबंध में एक चिंताजनक बात यह है कि बूस्टर डोज लेने की गति बहुत धीमी है तथा किशोरों के खुराक लेने की दर भी उत्साहजनक नहीं है. इस कारण कुछ समय पहले सरकार ने घोषणा की थी कि अभी टीकों की नयी खेप नहीं खरीदी जायेगी. निर्माता कंपनियों की ओर से भी उत्पादन बंद करने या उसमें बड़ी कटौती के संकेत हैं. केंद्र और राज्य सरकारों के पास अभी 1.8 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध हैं.
विशेषज्ञों की सलाह है कि उन्हें टीका लेने में कोताही नहीं करनी चाहिए, जिन्हें ऐसी बीमारियां हैं, जो कोरोना संक्रमण की स्थिति में जान के लिए खतरा बन सकती हैं. अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझते लोगों को बूस्टर खुराक भी समय से ले लेना चाहिए. हमें कोरोना महामारी से डरना नहीं है और हम भविष्य की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं, पर हमें सावधान और सतर्क रहना चाहिए.