आवश्यक है सतर्कता
बीते कुछ सप्ताह से कम-से-कम 15 देशों में संक्रमण में तेजी आयी है.
कुछ देशों, विशेषकर चीन, में कोरोना संक्रमण के मामलों में आयी तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में महामारी की स्थिति तथा तैयारियों की समीक्षा की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोगों से अनुरोध किया है कि कोविड की रोकथाम के लिए आवश्यक व्यवहारों को अपनायें. इनमें भीड़ में मास्क लगाना और टीके की खुराक लेना शामिल हैं. कोरोना वायरस के नये रूपों पर निगरानी को भी सघन बनाया जा रहा है. इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दे दिये गये हैं.
रिपोर्टों में बताया गया है कि सरकार ने संक्रमण के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की उपलब्धता तथा स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर का आकलन पहले ही कर लिया है. हवाई अड्डों पर बाहर से आने वाले यात्रियों का अनियमित परीक्षण शुरू किया गया है. यह संतोषजनक है कि हमारे देश में कोरोना के संक्रमण पर पहले ही नियंत्रण कर लिया गया है तथा बड़ी संख्या में लोग टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं. इसलिए हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन, जैसा कि मंडाविया ने कहा है, कोरोना अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है.
देश में जो लोग एक ही खुराक लिये हैं, उन्हें तुरंत दूसरी खुराक लेनी चाहिए तथा जिन्होंने दो खुराक ले लिया है, उनको बूस्टर डोज ले लेनी चाहिए. सरकारी जानकारी के अनुसार, अभी तक केवल 27-28 प्रतिशत लोगों ने ही बूस्टर खुराक ली है. बीते ढाई वर्षों में संक्रमण की बड़ी लहरों के अलावा कुछ-कुछ इलाकों में संक्रमितों की संख्या में तीव्र वृद्धि के मुख्य कारण यही रहे थे कि लोगों ने समुचित सावधानी नहीं बरती और भीड़ में भी मास्क नहीं लगाया. यह भी देखा गया था कि कई लोगों ने संक्रमण के लक्षणों को अनदेखा कर दूसरों के संपर्क में आते रहे.
बीते सोमवार (19 दिसंबर) को समाप्त हुए सप्ताह में देश में संक्रमितों का दैनिक औसत घटकर 158 हो गया. ये मामले मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु से आ रहे हैं. यद्यपि चीन में संक्रमण में वृद्धि की दुनिया भर में चर्चा है, पर जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमेरिका में भी मामले बढ़ रहे हैं. बीते कुछ सप्ताह से कम-से-कम 15 देशों में संक्रमण में तेजी आयी है. टीकाकरण के अलावा पहले के व्यापक संक्रमणों के कारण हमारे देश में लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बेहतर है.
इसलिए तुरंत एक और लहर आने की आशंका नहीं है. अगर वायरस के रूपों की निगरानी होती रहेगी तथा हम सभी निर्दिष्ट व्यवहारों को अपनाते रहेंगे, तो महामारी खतरा नहीं बन सकेगी. लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही बहुत सारी लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है, इसलिए सरकारों के साथ हर व्यक्ति को भी सतर्क रहना चाहिए.