14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नक्सलवाद पर लगाम

वामपंथी अतिवाद से प्रभावित जिलों की तादाद 2010 में 96 थी, जो 2021 में घटकर 46 हो गयी है. माओवादी हिंसा में भी 70 फीसदी की गिरावट आयी है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश में नक्सली हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आयी है तथा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों का दायरा भी बहुत घटा है. उन्होंने संकेत दिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस समस्या को पूरी तरह समाप्त कर दिया जायेगा. साल 2009 में देश में नक्सली हिंसा की 2,258 घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2021 में उनकी संख्या 500 के आसपास आ गयी. पिछले वर्ष के प्रारंभ में सरकार ने संसद में बताया था कि वामपंथी अतिवाद से प्रभावित जिलों की तादाद 2010 में 96 थी, जो 2021 में घटकर 46 हो गयी है. माओवादी हिंसा में भी 70 फीसदी की गिरावट आयी है. वर्ष में ऐसी हिंसक घटनाओं में 1,005 मौतें हुई थीं, लेकिन 2021 में इसमें बड़ी कमी आयी और मौतों की संख्या 147 के स्तर पर आ गयी.

2015 में वामपंथी अतिवाद को खत्म करने की ठोस नीति का निर्धारण किया

उल्लेखनीय है कि 2015 में मोदी सरकार ने वामपंथी अतिवाद को समाप्त करने की ठोस नीति का निर्धारण किया था. नक्सल प्रभावित जिलों के विकास को प्राथमिकता देना उस नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा था. जनजातीय विकास कार्यक्रमों के लिए 2014 में 21 हजार करोड़ रुपये का विशेष आवंटन किया था, जो पिछले बजट में 83 हजार करोड़ रुपये हो गया. विकास कार्यक्रमों की वजह से उन जिलों के बाशिंदों, जो अधिकतर जनजातीय समुदायों से हैं, को आवश्यक सेवाओं और सुविधाओं के साथ बेहतर जीवन के लिए संसाधन उपलब्ध होने से उनका भरोसा सरकार में बढ़ा तथा उन्हें यह अहसास भी हुआ कि वामपंथी अतिवाद विकास विरोधी है. इससे माओवादियों के जन-समर्थन में व्यापक कमी आयी है. साथ ही, बड़ी संख्या में नक्सलियों को या तो मारा गया है या उन्हें हिरासत में लिया गया है.

Also Read: आतंक पर कड़ा रूख

सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का दिया मौका

सरकार ने नक्सलियों को यह मौका भी दिया है कि वे आत्मसमर्पण करें और देश की मुख्यधारा में शामिल हों. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि माओवादियों को देश के भीतर या बाहर से न तो हथियारों की आपूर्ति सके तथा न ही उन्हें किसी तरह की वित्तीय मदद मिल सके. इस संबंध में निर्धारित नीति में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को भी मामलों को देने का प्रावधान है. सितंबर, 2021 में अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में माओवादी समूहों की आय के स्रोतों को खत्म करने पर विशेष बल दिया गया था. उस बैठक में कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ नक्सल समस्या का सामना कर रहे अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी तथा सुरक्षा बलों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सीमा सुरक्षा बल और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को उपलब्ध कराने की नीति भी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें