रक्षा मंत्री की चेतावनी
Rajnath Singh : राजनाथ सिंह के संबोधन की एक और महत्वपूर्ण बात उनका यह कहना रहा कि कश्मीर भारत का मुकुट रत्न है और वह पीओके के बिना अधूरा है.
Rajnath Singh : मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के अखनूर में सेना के नौवें वेटरंस डे समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर बड़ा बयान दिया. कहा कि पीओके पाकिस्तान के लिए एक विदेशी क्षेत्र है, जिसका इस्तेमाल वह आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए कर रहा है. राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह आज भी पीओके में आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं और सीमा से लगते यहां के क्षेत्र में लॉन्च पैड भी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार को इसकी जानकारी है.
पाकिस्तान सरकार को इन सबको समाप्त करना चाहिए, नहींं तो… राजनाथ सिंह सधे हुए बयान के लिए जाने जाते हैं. यहां भी उन्होंने अपने उसी लहजे का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को साफ-साफ संकेत दे दिया कि यदि वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो भारत सरकार एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकती है और आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर सकती है. इसका यह भी अर्थ है कि भारत सरकार अपनी सीमाओं और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेगी.
राजनाथ सिंह के संबोधन की एक और महत्वपूर्ण बात उनका यह कहना रहा कि कश्मीर भारत का मुकुट रत्न है और वह पीओके के बिना अधूरा है. विदित हो कि राजनाथ सिंह का यह बयान फरवरी 1994 में संसद के उस प्रस्ताव के अनुरूप है, जिसमें मांग की गयी थी कि पाकिस्तान भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर के उस क्षेत्र को खाली करे जिसे उसने आक्रमण के जरिये कब्जा लिया है. एक बात तो स्पष्ट है कि भारत सरकार पाकिस्तान समेत उन देशों को भी स्पष्ट रूप से यह बताना चाहती है, जो कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की वकालत करते रहते हैं, कि केवल जम्मू-कश्मीर ही नहीं, पीओके भी भारत का अभिन्न अंग है, और देर-सवेर वह उसे लेकर रहेगा.
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर 1965 युद्ध का भी जिक्र किया और कहा कि तब भी जम्मू-कश्मीर की जनता ने न तो पाकिस्तान का साथ दिया, न आतंकवाद का. वास्तव में, रक्षा मंत्री का यह बयान कश्मीर की अवाम के दर्द पर मरहम लगाने के लिए दिया गया है कि भारत सरकार उसे अपना मानती है और इस क्षेत्र में सेना जो भी कार्रवाई करती है, वह आतंकियों से इस क्षेत्र और देश को बचाने के लिए जरूरी है. यह बयान देना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि समय-समय पर यहां सेना की कार्रवाई को लेकर प्रश्न उठते रहे हैं. राजनाथ सिंह के बयान बेहद सधे, किंतु चेतावनी भरे हैं.