हम सभी ने इस धरती पर कुछ नया और अनोखा कार्य करने के लिए जन्म लिया है. हमें इस अवसर को किसी भी हाल में नहीं गंवाना चाहिए. स्वयं को कुछ बड़ा सोचने और सपने देखने की आजादी आपको देनी ही चाहिए. जो चीज आपको प्रिय है, वे सपने जिन्हें आप पूरा करना चाहते हैं, वे कार्य जिन्हें आप करना चाहते हैं, जिन्हें आपने अधूरा छोड़ दिया है, उन्हें पूरा करने के लिए आपके पास साहस का होना अत्यंत आवश्यक है.
कुछ रचनात्मक करना प्रारंभ कीजिए. कभी आपने सोचा है कि सफलता क्या है? सफलता केवल अपनी क्षमताओं का ज्ञान होना भर ही है. आपकी अंदरूनी शक्ति का आभास होना ही सफलता है क्या. आपको लगता है कि आप बस इतना ही कर सकते हैं. अगर आपकी राह में बाधाएं हैं, तो आपको अपने उद्देश्यों के प्रति सजग रहना चाहिए. शांत मस्तिष्क के साथ अपने जीवन में आने वाले विभिन्न अवसरों के विषय में सोचना चाहिए.
सोचना चाहिए कि कैसे आप कुछ नया व अनूठा कर सकते हैं. आपको समझना चाहिए कि असफलता कुछ नहीं, केवल आपको सफलता की ओर धकेलने के लिए एक पत्थर भर है. वास्तव में, जीवन में हार या असफलता जैसा कुछ नहीं होता. जिसे आप असफलता मानते हैं, वह मात्र एक पत्थर है जिससे ठोकर खाकर आप आगे की ओर बढ़ते हैं.
अगर आपको लगता है कि मार्ग में आने वाली बाधाएं बहुत बड़ी हैं, तो प्रार्थना करें. याद रखें, प्रार्थनाएं चमत्कार कर सकती हैं. जब आपको यह अहसास हो जायेगा कि आपके साथ ईश्वरीय शक्ति है, तब आपके भीतर के सभी नकारात्मक विचार गायब हो जायेंगे.
आप में हिम्मत आ जायेगी और आप माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने जैसा कठिन कार्य भी आसानी से कर लेंगे. तितली को उड़ते देखना, अपने बगीचे में पानी देना, पक्षियों के चहचहाने की आवाज सुनना, फूलों की सुगंध महसूस करना, ये सब मामूली सी दिखने वाली चीजें हैं, जो आपके मस्तिष्क को शांत कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं. हर सफल व्यक्ति के पीछे एक अलौकिक वाणी होती है, जो कहती है, ‘चिंता मत कर मैं तेरे साथ हूं.’ – श्री श्री रवि शंकर