अटलजी ने दी शासन की नयी दृष्टि

अटलजी ने दी शासन की नयी दृष्टि

By कैलाश विजयवर्गीय | December 25, 2020 1:13 PM

अटलजी ने दी शासन की नयी दृष्टि

कैलाश विजयवर्गीय

राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा

भाषा लोगों को जोड़ती है़ सड़कें गांव, शहरों और महानगरों को जोड़ती हुई विकास की तरफ ले जाती है़ं आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाते हुए समृद्धि लाती है़ं भारतीय जनता पार्टी के शिखर पुरुष, मां भारती के सच्चे सपूत, भारत रत्न, ओजस्वी वक्ता और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जहां शिक्षा और भाषा को सामाजिक सुधार के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानते थे, तो सड़कों को आर्थिक समृद्धि लाने का सबसे बड़ा माध्यम़ एक ओर जहां अटल सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए,

वहीं पहली बार उनके नेतृत्व में देश में राष्ट्रीय राजमार्गों को चमचमाता, तेज रफ्तार और सुरक्षित बनाया गया़ शेरशाह सूरी के बाद भारत में सड़कों पर पहली बार अटल सरकार के दौरान उल्लेखनीय कार्य हुए़ सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही संचार के क्षेत्र में भी अटल सरकार में बहुत कार्य हुए़ भारत के गरीबों के हाथों में मोबाइल फोन का सपना भी अटल बिहारी वाजपेयी के कारण ही पूरा हुआ़ चतुर्भुज स्वर्णिम योजना अटलजी की ही देन है़ कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार के दौरान सड़कों का बुरा हाल तो लोगों ने देखा ही था़

अटलजी के बहुत प्रिय रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता भी शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और संचार क्षेत्र के साथ गरीबों व किसानों की आर्थिक प्रगति है़ अटल सरकार के शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और सड़कें बनाने के काम को मोदी सरकार ने आगे बढ़ाया है़ अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस को मोदी सरकार ने सुशासन दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत की़

लोगों के लिए अटल पेंशन योजना शुरू की़ जिस तरह अटलजी ने परमाणु परीक्षण करके दुनिया को भारत की शक्ति का एहसास कराया था, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी ने सीमावर्ती इलाकों में सड़कें, सुरंग और पुल बना कर सशक्त भारत की तस्वीर प्रस्तुत की है़ देश की सुरक्षा के लिए अटल सुरंग बहुत महत्वपूर्ण है़ सशक्त भारत के कारण चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों में दहशत फैली हुई है़

प्रधानमंत्री मोदी मानते हैं कि अच्छी सड़कों के जाल से देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी़ सड़क और परिवहन मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों के लिए अतिरिक्त 60,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास का प्रस्ताव किया है़ मोदी सरकार में अधिकतर योजनाओं काे समय पूरा किया गया है़

अटलजी पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने पांच वर्ष सरकार चलायी़ नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने, जिनके नेतृत्व में भाजपा ने पहली बार लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया और दूसरी बार 300 से ज्यादा सीटें जीती़ं अटलजी की तरह प्रधानमंत्री मोदी भी बयान देने या भाषण देने से पहले पूरी तैयारी करते है़ं इस अवसर पर यह जिक्र करना जरूरी है कि गुजरात दंगों को लेकर अटलजी की नरेंद मोदी से नाराजगी का मीडिया में बार-बार उल्लेख किया जाता है़

विरोधी दल भी इस मुद्दे को उठाते रहे है़ं अटलजी कहते थे कि एक झूठ को सौ बार बोला जाए, तो उसे सच मान लिया जाता है़ नरेंद्र मोदी सरकार ने गुजरात दंगों के दौरान पूरी तरह राजधर्म निभाया़ वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राज्य का दौरा कर रहे थे़

एक पत्रकार ने उनसे प्रश्न किया कि क्या आप मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कोई संदेश लेकर आये है़ं अटलजी ने अपनी चिर-परिचित शैली में उत्तर दिया कि मुख्यमंत्री के लिए मेरा सिर्फ एक संदेश है, वह राजधर्म का पालन करे़ं राजा के लिए, शासक के लिए प्रजा-प्रजा में भेद नहीं हो सकता़ न जन्म के आधार पर, न जाति के आधार पर, न संप्रदाय के आधार पर. बगल में बैठे तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीच में ही कहा था कि हम भी वही कर रहे हैं साहेब़ इसके बाद अटलजी ने आगे कहा था कि मुझे विश्वास है कि नरेंद्र भाई यही कर रहे है़ं

कई अवसरों पर अटलजी नरेंद्र भाई को गर्मजोशी से गले लगाते रहे़ इस बात का ज्यादा प्रचार नहीं किया गया. मीडिया के एक वर्ग और विरोधी राजनीतिक दलों ने लंबे समय तक झूठ को कई बार दोहराया़ आखिर में साजिश का पर्दाफाश भी हुआ़ नरेंद्र मोदी के लिए अटलजी पितातुल्य थे़ उनके निधन पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि अटलजी मां भारती के सच्चे सपूत थे, उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है़ अटलजी नरेंद्र मोदी के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहे़ मोदी सरकार ने उनके कई संकल्पों काे पूरा किया है़

डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान के बाद अटलजी जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के लिए अभियान चलाते रहे़ उनके संकल्प को मोदी सरकार ने पूर्ण कर दिखाया है़ अटलजी की तरह मोदी भी प्रखर वक्ता है़ं नरेंद्र मोदी ने अटलजी के मार्ग पर चलते हुए हिंदी को पूरी तरह जनभाषा बनाया है़ अटलजी की तरह मोदी भी कवि ह्रदय है़ं

अटलजी कविताएं रचते थे़ उनकी कविताएं लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य करती है़ं प्रधानमंत्री मोदी भी कविताओं और साहित्य में बहुत रुचि लेते है़ं अटलजी का मोदी पर बहुत विश्वास था़ कुछ कारणों से मोदी कुछ समय के लिए राजनीति से अलग हो गये थे़ अटलजी ने अमेरिका यात्रा के समय उन्हें बुलाया और कहा था कि भागने से काम नहीं चलेगा़ अटलजी के कहने पर नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और संगठन का काम संभाला़ अटलजी की यह कविता हमें हमेशा प्रेरणा देती है- ‘दांव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते/ टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते़ हमारे प्रेरणास्रोत और राजनीति के अजातशत्रु रहे अटलजी को जयंती पर कोटिशः नमन.

Posted by : Sameer Oraon

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