विश्वगुरु बनने की राह पर अग्रसर भारत
विश्वगुरु बनने की राह पर अग्रसर भारत
भारत एक महान देश है और उसकी यह महानता सदियों से प्रतिष्ठित है. प्राकृतिक संसाधनों, जलवायु, खान-पान, पहनावे, रहन-सहन की जैसी विविधताएं हमारे देश में हैं, वह अन्यत्र शायद ही मिले. अब भारत का लक्ष्य है विश्वगुरु बनने का और राष्ट्रों के समूह में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त करने का. इस लक्ष्य को साकार करने का प्रयास छह साल पहले शुरू हो चुका है.
मध्यकाल के प्रसिद्ध फ्रांसीसी भविष्यवक्ता नास्ट्रेदमस ने सदियों पहले यह भविष्यवाणी की थी कि इक्कीसवीं सदी में भारत विश्वगुरु बनेगा क्योंकि यहां एक ईमानदार और मेहनती शासक आयेगा तथा उसे शासन का लंबा समय जनता दे सकती है. अभी तक तो यह कथन सही साबित हो रहा है. अब आते हैं मौजूदा स्थिति पर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम करने का अपना खास ढंग है. वे अचरज में डालते हैं. जिस प्रकार से भारत में दो स्वदेशी वैक्सीनों का निर्माण हुआ है, वह इसका एक उदाहरण है.
कोरोना महामारी के शुरुआत के समय ही इन वैक्सीनों को बनाने का काम शुरू हो चुका था, जो साल बीतते-बीतते पूरा हो गया और अब टीकाकरण अभियान पूरी गति से चल रहा है. महामारी के दौरान विपक्ष सरकार की निंदा में व्यस्त था कि मोदी सरकार कुछ अन्य देशों की तरह वैक्सीन बनाने की दिशा में कोशिश नहीं कर रही है. बीते साल चीन की आक्रामकता एक चुनौती के रूप में देश के सामने आयी, लेकिन प्रधानमंत्री की कूटनीति और सैन्य नीति ने चीन को करारा जवाब दिया है.
चीन को भी समझ में आ गया है कि क्षमताओं और आकांक्षाओं से लैस यह नया भारत है. इसे डराना या दबाना आसान काम नहीं है. मैं या हमारा देश युद्ध नहीं चाहते, पर अगर ऐसी नौबत आती है, तो हमारी सेनाएं न केवल मुकाबले के लिए तैयार हैं, बल्कि उनके पास चीन को पीछे धकेलने की ताकत भी है. क्रिकेट के मैदान में नये खिलाड़ियों की भारतीय टीम ने जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया को इस खेल के हर विभाग में परास्त किया है, वह न केवल टीम, बल्कि देश के आत्मविश्वास को भी इंगित करता है. ऑस्ट्रेलिया की पिच पर और विशेष रूप से गाबा में उसकी टीम कई सालों से अजेय रही है, पर भारत ने पराजित करने में कामयाबी पायी है.
उत्कृष्ट शासनाध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री मोदी की ख्याति पूरी दुनिया में है. मुस्लिम देशों में भी उन्हें बड़े सम्मान से देखा जाता है. धर्म की दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति ने देश का विभाजन जरूर करा दिया, लेकिन आज भी आकार में भारत बहुत बड़ा देश है. यहां बहुत सारी समस्याओं का होना भी स्वाभाविक है. अभी खेती-किसानी से जुड़ी जो समस्या आयी है, मुझे भरोसा है कि सरकार इसका उचित हल जल्दी ही निकाल लेगी. इसके लिए लगातार बातचीत भी चल रही है. किसानों की बेहतरी के लिए मोदी सरकार ने कई अहम कदम उठाये हैं.
इस संबंध में यह भी रेखांकित करना जरूरी है कि किसानों और उनके आंदोलन की आड़ में कुछ तत्व देश को अस्थित करने या अलगाववादी भावनाएं उकसाने की कोशिश कर सकते हैं या कर रहे हैं. ऐसी कोशिशें को लेकर हमें सचेत रहना चाहिए. लेकिन इसमें चिंतित होने की बात नहीं है क्योंकि देश के पास प्रधानमंत्री मोदी जैसा नेतृत्व है, जिनके बारे में कहा जाता है कि ‘मोदी है तो मुमकिन है.’ प्रधानमंत्री के पास अमित शाह जैसे कर्मठ गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जैसे सहयोगी है जो किसी भी तरह की अस्थिरता, अलगाववाद और आतंकवाद से निपटने में सक्षम हैं. इस पृष्ठभूमि में हम पूरे भरोसे से कह सकते हैं कि भारतीय गणतंत्र पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित और मजबूत है तथा उसका भविष्य उज्जवल है.
स्वार्थ व मूढ़ता से ग्रस्त कुछ मुस्लिम नेता इसमें अवरोध खड़ा कर रहे हैं. उन्हें समझना चाहिए कि राजनीति में कोई अछूत नहीं होता और अच्छे व्यक्ति को ही चुनना चाहिए, चाहे वह किसी भी पार्टी से हो. आज वैश्विक व्यवस्था में भारत अगली कतार में खड़ा है. यहां एक जरूरी निवेदन मैं मुस्लिम समुदाय से करना चाहता हूं, जिसकी जड़ों से मैं जुड़ा हूं. वे मौका-माहौल देखकर निर्णय लें कि किस राजनेता का साथ देना है. इस समुदाय को लंबे समय तक सत्ता का सुख भोगने हेतु वोट बैंक से अधिक कुछ नहीं समझा गया.
उनकी बस्तियों में बजाय स्कूल, हस्पताल, क्रीड़ांगन आदि बनाने के थाने व चौकियां ही बनायी गयीं. मुस्लिम समुदाय भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य का महत्वपूर्ण भाग है. इसे किसी के बरगलाने में नहीं आना चाहिए. हिंदुस्तान से बेहतर कोई मुल्क नहीं है इस समुदाय के लिए.
हमें सरकार और उसकी नीतियों पर भरोसा रखना चाहिए तथा उसके साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलने की कोशिश करनी चाहिए ताकि हमारा गणतंत्र समृद्धि और विकास की ओर अग्रसर होता रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम समुदाय का आह्वान करते हुए कहा है, ‘मैं हर मुस्लिम छात्र के एक हाथ में कुरान और दूसरे में कम्प्युटर देखना चाहता हूं.’ इससे बेहतर बात मुस्लिमों के लिए क्या हो सकती है!
Posted By : Sameer Oraon