संक्रमण की चुनौती
दूसरी लहर से त्रस्त अनेक देशों से भारत में कहर का असर कमतर है. बीते साल के अनुभवों के साथ टीके की उपलब्धता से इसमें मदद मिली है.
बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के पचास हजार से अधिक नये मामलों के आने के साथ महामारी की दूसरी लहर की चिंता बढ़ गयी है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में आशंका जतायी गयी है कि यह लहर सौ दिनों (15 फरवरी से) तक जारी रह सकती है. लेकिन, जैसा कई विशेषज्ञ भी मानते हैं, इस रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि पिछले साल की तुलना में इस बार महामारी का सामना करने की हमारी तैयारी बहुत बेहतर है.
भारत में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 5.3 करोड़ से अधिक लोगों को खुराक दी जा चुकी है. रिपोर्ट ने इस तथ्य को भी रेखांकित किया है कि टीका लगाने की गति तेज करने की जरूरत है. कुछ दिन पहले एक विशेष बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्रियों से इसका आह्वान किया था. हालांकि पिछले एक दिन में संक्रमण से ढाई सौ मौतें हुई हैं, पर यह संतोषजनक है कि दूसरी लहर से त्रस्त अनेक देशों से भारत में कहर का असर कमतर है.
बीते साल के अनुभवों के साथ टीके की उपलब्धता से इसमें मदद मिली है. आंकड़े बताते हैं कि मृतकों तथा गंभीर बीमार होनेवालों में अधिक आयु के लोगों की संख्या बड़ी है. मध्य जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में बुजुर्गों और खतरनाक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों को प्राथमिकता दी गयी है. अगले महीने से 45 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों को खुराक दी जायेगी. ऐसे में मृतकों की संख्या कम-से-कम रहने की उम्मीद की जा सकती है.
उत्पादन व वितरण से जुड़ी मुश्किलों तथा खुराक बर्बाद होने के कारण भी टीकाकरण पर असर पड़ रहा है. हालांकि दूसरी लहर से प्रभावित राज्यों और क्षेत्रों में संक्रमण रोकने, संक्रमितों की जांच करने तथा उपचार मुहैया कराने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन स्टेट बैंक की रिपोर्ट का मानना है कि स्थानीय पाबंदियों से फायदा नहीं हो रहा है तथा हमारे पास बड़े पैमाने पर टीका लगाने का ही विकल्प है.
हमें बार-बार यह भी एहसास होना चाहिए कि संक्रमणों के बढ़ने की एक बड़ी वजह मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बरतने और हाथ साफ रखने के बुनियादी निर्देशों का ठीक से पालन नहीं होना है. व्यवहार में लापरवाही और निश्चिंतता के भाव ने हमें फिर से बड़ी मुश्किल में डाल दिया है. कोविड-19 वायरस के असर को रोकने के लिए किसी दवा के न होने की स्थिति में टीकाकरण अनिवार्य हो गया है, लेकिन आबादी के बहुत बड़े हिस्से तक टीका पहुंचने में अभी समय लगेगा.
ऐसे में हमें साफ-सफाई रखने के साथ सचेत भी रहना होगा. भारत में कोरोना वायरस के नये प्रकारों का भी पता चला है. उनके अध्ययन पर संबंधित संस्थानों और विशेषज्ञों का ध्यान है. बतौर नागरिक हमारा दायित्व यह है कि हम संक्रमण की रोकथाम में अपना सक्रिय व सतर्क योगदान दें.
Posted By : Sameer Oraon