स्वास्थ्य सेवा का विस्तार
इस पहल का सबसे अधिक लाभ वरिष्ठ नागरिकों को होगा. अब वे अपने निवास स्थान के पास स्थित संस्थान में जाकर उत्कृष्ट उपचार हासिल कर सकेंगे.
विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के अलग-अलग तबकों के लिए स्वास्थ्य सेवा और सुविधा में विस्तार के लिए सरकार प्रयासरत है. इस क्रम में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के लाभार्थियों के लिए बड़ी घोषणा हुई है. अब ये लाभार्थी छह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स)- पटना, भोपाल, भुवनेश्वर, रायपुर, जोधपुर और ऋषिकेश- में कैशलेस उपचार करा सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि यह स्वास्थ्य योजना केंद्र सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों (सेवानिवृत्त समेत) और उनके परिजनों के लिए होती है. जैसा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है, एम्स की सुविधा होने से सबसे अधिक लाभ वरिष्ठ नागरिकों को होगा. अब वे अपने निवास स्थान के पास स्थित संस्थान में जाकर उत्कृष्ट उपचार हासिल कर सकेंगे. एम्स में विशेषज्ञ चिकित्सक और अच्छी तरह प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ तो होते ही हैं, वहां अत्याधुनिक उपकरण भी होते हैं.
स्वास्थ्य योजना के लाभार्थी इनका फायदा उठा सकेंगे और उन्हें पहले से भुगतान करने और उसे वापस कराने के लिए स्वास्थ्य योजना में आवेदन करने के झंझट से मुक्ति भी मिलेगी. यह कवायद बुजुर्ग लाभार्थियों के लिए बेहद मुश्किल होती है. एम्स में इलाज कराने की अब तक सुविधा में उन्हें पहले पैसा जमा कराना होता था. अब एम्स अपनी ओर से खर्च का ब्यौरा बनाकर स्वास्थ्य योजना को भेजेंगे और उन्हें तीस दिन के भीतर भुगतान कर दिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि सभी कल्याणकारी योजनाओं की संरचना और प्रक्रिया इस तरह से बनायी जा रही है कि डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से कागज का बोझ न रहे. लाभार्थियों के खाते में पैसा भेजना, आयुष्मान भारत योजना का डिजिटलीकरण करना, यूपीआई का विस्तार आदि इस प्रयास के उल्लेखनीय उदाहरण हैं. इस समझौते की एक खास विशेषता यह भी है कि एम्स लाभार्थियों के लिए अलग से हेल्प डेस्क और खाता प्रणाली भी बनायेंगे.
यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि इस समझौते में बाद में दिल्ली स्थित एम्स, चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च तथा पुद्दुचेरी स्थित जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च को भी शामिल किया जायेगा. वर्तमान में देश के 79 शहरों में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना संचालित हो रही है. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत देश में 22 नये एम्स स्थापित हुए हैं. आगामी वर्षों में ये संस्थान भी विभिन्न योजनाओं से जुड़ेंगे, ऐसी आशा है.