Pradhan Mantri Awas Yojana : प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे चरण के तहत आगामी पांच वर्षों में तीन करोड़ घरों का निर्माण होगा, जिनमें दो करोड़ आवास ग्रामीण क्षेत्रों में तथा एक करोड़ आवास शहरी क्षेत्र में होंगे. इस निर्णय पर कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है. इस चरण में केंद्र सरकार द्वारा लगभग 4.35 ट्रिलियन रुपये खर्च किये जायेंगे. शहरी गरीब एवं मध्य वर्गीय परिवारों के आवास पर कुल निवेश 10 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है, जिसमें सरकार 2.3 ट्रिलियन रुपये का अनुदान देगी. ग्रामीण आवासों पर केंद्र और राज्य सरकारें 3,06,137 करोड़ रुपये खर्च करेंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यालय के प्रारंभ में ही ग्रामीण भारत के हर परिवार के लिए आवास उपलब्ध कराने को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल किया था. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत अप्रैल, 2016 में की गयी थी, जिसके तहत मार्च, 2024 तक बुनियादी सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. शहरी क्षेत्र में आवास मुहैया कराने की योजना जून, 2015 में प्रारंभ की गयी थी. अनुदान और सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के साथ-साथ निर्माण को बढ़ावा देने पर आधारित इस योजना से अब तक करोड़ों परिवारों को लाभ पहुंचा है. प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे चरण में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न और मध्य वर्ग के वैसे सभी परिवार आवेदन कर सकते हैं, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं है.
शहरी क्षेत्र में तो किराये पर पक्का मकान लेने के लिए भी योग्य आवेदकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की बुनियादी जरूरतें हैं. हमारे देश में आबादी का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है, जो मकान बना पाने की स्थिति में नहीं है. हालांकि पहले भी केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आवास मुहैया कराने या सस्ती दरों पर कर्ज की व्यवस्था कराने के प्रयास पहले भी होते रहे हैं, पर प्रधानमंत्री आवास योजना अपने लक्ष्य एवं उपलब्धि में अग्रणी है. घर का सपना पूरा होना महज एक सपने का साकार होना ही नहीं है, यह परिवार के लिए एक उपलब्धि और उत्साह का आधार होता है, जो उसे उत्तरोत्तर प्रगति के लिए प्रेरित करता है.
बीते वर्षों में आवास के अलावा अनाज, रसोई गैस, बिजली, चिकित्सा आदि के लिए भी अनेक कल्याण योजनाएं शुरू की गयी हैं, जैसे आयुष्मान भारत योजना, निशुल्क राशन, बिजली में छूट, उज्ज्वला योजना आदि. ऐसी योजनाओं ने गरीब और निम्न आय वर्गीय परिवारों की मुख्य चिंताओं का काफी हद तक समाधान किया है, जिससे वे अपने जीवन को बेहतर बनाने की ओर अग्रसर हुए हैं. आवास योजना के विस्तार से बड़ी संख्या में घर बनने से सीमेंट, लोहा आदि अनेक उद्योगों को भी लाभ होगा तथा रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी.