21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पहली सोलर सिटी

समग्र रूप में सौर ऊर्जा से क्या कमाल हो सकता है, इसकी बानगी सांची ने पेश की है. हम सांची के बाद आशा कर सकते हैं कि दूसरे शहरों, कस्बों व गांवों की भी तस्वीर बदल सकती है.

मध्य प्रदेश का शहर सांची मौर्यकालीन बौद्ध स्तूपों के लिए विख्यात है. यूनेस्को ने सांची के महास्तूप को विश्व धरोहर घोषित किया हुआ है. सांची अब देश की पहली सोलर सिटी बन गयी है. मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका लोकार्पण किया. मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सांची को देश के लिए एक उदाहरण बताया जा रहा है.

ऐसा कहा जा रहा है कि आनेवाले दिनों में भारत में इसी तरह से और भी शहरों में सौर ऊर्जा को अपनाया जायेगा. सांची के पास नागौरी नाम के क्षेत्र में एक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है. वहां खुले आसमान तले बहुत सारे सोलर पैनल लगाये गये हैं, जिनसे तीन मेगावाट बिजली पैदा हो सकती है. सांची में रेलवे स्टेशनों, सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, पोस्ट ऑफिस आदि की इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगाये गये हैं. वहां सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें भी सौर ऊर्जा से चलेंगी. सांची के लगभग दस हजार निवासियों ने भी सोलर लैंपों का इस्तेमाल करने का संकल्प लिया है.

घरों की छतों पर भी सोलर पैनल लगाये गये हैं जिनसे लगभग 63 किलोवाट बिजली का उत्पादन हो सकता है. सांची में इस बात का प्रयास हो रहा है कि शहर की बिजली की सौ फीसदी जरूरत सौर ऊर्जा से पूरी की जाए. सांची के पास गुलगांव नामक ग्रामीण इलाके में भी जल्दी ही सौर ऊर्जा से पांच मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए परियोजना लगाने की तैयारी हो रही है. इस बिजली का मुख्य तौर पर कृषि कार्यों में, जैसे सिंचाई के लिए मोटर-पंप आदि को चलाने में इस्तेमाल होगा.

इन दोनों सौर परियोजनाओं से पैदा होनेवाली आठ मेगावाट की बिजली से सांची पूरी तरह से ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकती है. आइआइटी कानपुर की मदद से सांची को सोलर सिटी बनाने की यह पहल सराहनीय है. दरअसल, सौर ऊर्जा पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा के केंद्र में रही है. मगर अधिकतर देशवासियों को अभी भी सौर ऊर्जा की विराट संभावनाओं का अंदाजा नहीं हो पा रहा है. अभी छिटपुट रूप से कहीं किसी दफ्तर की छत पर, तो किसी घर की घत पर सोलर पैनल लगे दिख जाते हैं.

लेकिन समग्र रूप में सौर ऊर्जा से क्या कमाल हो सकता है, इसकी बानगी सांची ने पेश की है. हम सांची के बाद आशा कर सकते हैं कि दूसरे शहरों, कस्बों व गांवों की भी तस्वीर बदल सकती है. जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अनेक देशों के साथ भारत ने भी कोयला-तेल जैसे पारंपरिक ईंधनों का इस्तेमाल खत्म करने का संकल्प लिया था. सौर ऊर्जा का इस्तेमाल इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में क्रांतिकारी साबित होनेवाला है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें