शहरों के संतुलित विकास पर हो ध्यान

शहरों के कामकाज और विकास में होने वाले खर्च का तीन-चौथाई से अधिक हिस्सा केंद्र और राज्य सरकार से आता है. शहरी निकाय संपत्ति कर जैसे कुछ स्रोतों से 15 प्रतिशत के आसपास जुटा पाते हैं.

By Abhijeet Mukhopadhyay | November 18, 2022 8:06 AM
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हमारे देश में आर्थिक प्रगति के साथ-साथ शहरों की आबादी भी बढ़ रही है तथा उनका विस्तार भी हो रहा है. उपनगरों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का आकलन है कि 2035 तक भारत में शहरी क्षेत्र में निवास करने वाली जनसंख्या 67.50 करोड़ होगी, जो उस समय की कुल राष्ट्रीय आबादी का 43.2 प्रतिशत होगी. स्वाभाविक रूप से इतनी बड़ी संख्या के लिए शहरों की व्यवस्था भी बेहतर करने की जरूरत होगी.

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