सोना सातवें आसमान पर
Gold Price : अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद नीतियों में बदलाव और वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के कारण भी लोग निवेश के लिए सोने की खरीद कर रहे हैं. दुनिया के अलग-अलग इलाकों में युद्ध और अस्थिरता के अलावा ट्रंप की नीतियों से भी विश्व में घबराहट जैसी स्थिति है.
Gold Price : देश-दुनिया में सोने की कीमत लगातार बढ़ती ही जा रही है. अपने यहां पिछले एक साल में सोने का भाव लगभग 21,000 रुपये बढ़ गया है. जनवरी, 2024 में सोना 63,250 रुपये प्रति 10 ग्राम था. हालांकि इस साल जनवरी में इसके दाम कुछ गिरे थे, पर फरवरी में इसके भाव बढ़कर 84,672 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गये. कहा जा रहा है कि यह एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है. घरेलू स्तर पर शादी-ब्याह के कारण सोने की मांग ज्यादा है. आगे फसल की कटाई के बाद अपने यहां ग्रामीण इलाकों में सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि तब किसानों के हाथ में पैसे आते हैं.
अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद नीतियों में बदलाव और वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के कारण भी लोग निवेश के लिए सोने की खरीद कर रहे हैं. दुनिया के अलग-अलग इलाकों में युद्ध और अस्थिरता के अलावा ट्रंप की नीतियों से भी विश्व में घबराहट जैसी स्थिति है. बुधवार को सोने की वैश्विक कीमत में भारी उछाल देखने को मिला था. अमेरिका ने हाल में ब्याज दरों में कटौती की है. विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर ब्याज दरों में और कटौती होती है और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी रहती है, तो सोने के भाव और बढ़ सकते हैं.
दरअसल वैश्विक अनिश्चितता के समय सोने की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि आशंका के कारण व्यापारी और निवेशक इसकी खरीदारी करते हैं, क्योंकि बाजार में उथल-पुथल के कारण ऐसे समय अन्य वित्तीय साधन अपना आकर्षण खो देते हैं. डॉलर की तुलना में रुपये में आयी रिकॉर्ड गिरावट ने भी सोने के प्रति भारतीयों को आकर्षित किया है. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ने के कारण भी लोग गोल्ड इटीएफ में निवेश कर कर रहे हैं.
वर्ष 2015 में अपने यहां सोना 26,245 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 10 साल बाद 84,672 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है. इस बीच सिर्फ पिछले साल बजट के दिन सोने के भाव तब गिर गये थे, जब वित्त मंत्री ने सोने पर लगने वाला उत्पाद शुल्क 15 फीसदी से घटाकर छह फीसदी करने की घोषणा की थी. लेकिन उसके बाद से सोने की मांग तेजी से बढ़ी है, जिससे उसके दाम भी बढ़े हैं. बेशक सोने के बढ़ते आयात का नकारात्मक पक्ष भी है. इससे आयात बिल बढ़ जाता है, जिससे व्यापार संतुलन प्रभावित होता है. पर इससे बेपरवाह लोगों का सोने के प्रति आकर्षण जारी है.