वैश्विक माइक्रोसॉफ्ट आउटेज के महत्वपूर्ण सबक

महत्वपूर्ण संस्थानों एवं उद्योगों के आईटी सिस्टम चुनिंदा सॉफ्टवेयर विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं पर आश्रित हैं. ऐसे में एक छोटी त्रुटि से भी बड़े व्यावसायिक अवरोध पैदा हो सकते हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है.

By प्रभात सिन्हा | July 22, 2024 10:09 AM

शुक्रवार (19 जुलाई) को वैश्विक स्तर पर व्यवसाय तंत्र को प्रभावित करने वाला एक बड़ा आईटी अवरोध हुआ. साइबर सुरक्षा संस्था क्राउडस्ट्राइक के एक खराब सॉफ्टवेयर अपडेट ने वैश्विक स्तर पर माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज को बाधित कर दिया, जिससे दुनियाभर में अस्पताल, एयरलाइंस, ट्रेन नेटवर्क और टीवी स्टेशनों सहित कई अहम संस्थान, व्यवसाय और सेवाएं बाधित हो गयीं. इस आउटेज का व्यापक प्रभाव हवाई यात्रा पर दिखा. माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने तत्परता से समस्या के मूल को समझ कर कुछ ही घंटों में हल निकाल लिया, फिर भी दुनियाभर के अनगिनत लोग, वेबसाइट, व्यवसाय और एयरलाइंस समस्या के निदान के लिए संघर्ष करते रहे. आईटी विफलता की यह घटना एकल तकनीकी विफलता के बढ़ते व्यापक प्रभाव को उजागर करती है.

न्यूयॉर्क, लंदन, बर्लिन और दिल्ली जैसे व्यस्त हवाई अड्डों पर यात्रियों की अफरातफरी दिखी. यात्री उड़ान में देरी, रद्दीकरण और लंबी कतार से परेशान दिखे. हमारे देश में आउटेज के कारण उड़ान संचालन में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ. इंडिगो, अकासा और स्पाइसजेट सहित सभी प्रमुख एयरलाइनों की बुकिंग के अलावा चेक-इन सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो गयीं. दुनियाभर के वित्तीय संस्थानों पर भी इस आउटेज का गहरा प्रभाव दिखा. लंदन स्टॉक एक्सचेंज कुछ समय तक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए आवश्यक मूल्य-संवेदनशील नियामक घोषणाओं को अपने वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं कर पा रहा था. कई प्रतिभूति कंपनियों का व्यावसायिक डेस्क लगभग तीन घंटे तक ठप्प पड़ा रहा. ऑस्ट्रेलिया के बड़े वित्तीय संस्थानों कॉमनवेल्थ बैंक, एएनजेड, वेस्टपैक और न्यूजीलैंड के एएसबी बैंक ने अपने परिचालन में आउटेज के कारण व्यवधान की सूचना दी है. भारत के वित्तीय संस्थान इस आईटी अवरोध से लगभग अछूते रहे. देश के बैंकिंग विनियामक भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार लगभग 10 बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों में ही मामूली व्यवधान पाया गया.

वैश्विक विफलता का मूल कारण विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए क्राउडस्ट्राइक नामक कंपनी द्वारा निर्गत फाल्कन सेंसर सॉफ्टवेयर का दोषपूर्ण अपडेट था. शुक्रवार को दुनियाभर में लोगों को अपना कंप्यूटर मशीन चालू करने के बाद माइक्रोसॉफ्ट का एरर संदेश, जो ‘ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ’ (बीएसओडी) के नाम से प्रचलित है, दिखा. यह विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का एक आम त्रुटि संदेश है, जो आंतरिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर समस्याओं को इंगित करता है. मशीन ज्यादा गर्म हो जाए, असंगत ड्राइवर अपडेट, मेमोरी समस्या जैसी कई त्रुटियों के लिए बीएसओडी दिखता है, लेकिन शुक्रवार को यह विंडोज उपयोगकर्ताओं को साइबर सिक्योरिटी संस्था क्राउडस्ट्राइक के उत्पाद फाल्कन के नये अपडेट के कारण दिखा. फाल्कन को क्लाउड तकनीक का उपयोग कर साइबर उल्लंघनों को रोकने के लिए बनाया गया है. क्राउडस्ट्राइक के सॉफ्टवेयर को साइबर खतरों को पकड़ने के लिए कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम तक गहरी पहुंच की जरूरत होती है. क्राउडस्ट्राइक के अपडेट के माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के साथ परस्पर संचार के तरीके में खराबी के कारण बीएसओडी का सामना करना पड़ा, जो शुक्रवार के आईटी अवरोध का मुख्य कारण बना. आउटेज से उन मशीनों पर असर नहीं पड़ा, जिनमें फाल्कन सेंसर नहीं लगा है.

चीन में इस आउटेज का असर नगण्य रहा. उसके सभी प्रमुख वित्तीय संस्थान और एयरलाइंस काम करते रहे. हालांकि चीन में संचालित कुछ विदेशी कंपनियों ने आउटेज के हल्के प्रभाव का जिक्र किया है, पर चीनी कंपनियों का परिचालन सामान्य रहा. सूत्रों के अनुसार, बहुत कम चीनी कंपनियां क्लाउडस्ट्राइक की सेवाओं का उपयोग करती है. साथ ही, माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सेवाएं चीन में 21वायानेट नामक एक स्थानीय भागीदार द्वारा निष्पादित होती हैं. वहां नियम है कि विदेशी कंपनियों की क्लाउड सेवाएं स्थानीय संस्थाओं के द्वारा ही संचालित होनी चाहिए. इसलिए चीन में माइक्रोसॉफ्ट सेवाओं का संचालन अन्य क्षेत्रों से अलग है. इस अवरोध से हुए कुल नुकसान का पक्का अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगा, लेकिन 20 घंटे तक इंटरनेट बाधित रहने का अनुमानित वैश्विक नुकसान 24 अरब डॉलर लगाया जा रहा है.

क्राउडस्ट्राइक की गलती का तात्कालिक प्रभाव उसके शेयर मूल्य पर दिखा. ग्राहक और निवेशक पुनर्विचार करने के लिए भी मजबूर हुए हैं. अब वे पालो ऑल्टो नेटवर्क्स और सेंटिनलवन जैसे प्रतिद्वंद्वियों की तरफ रुख कर सकते हैं. दुनियाभर के महत्वपूर्ण संस्थानों एवं उद्योगों के आईटी सिस्टम चुनिंदा सॉफ्टवेयर विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं पर आश्रित हैं. ऐसे में एक छोटी त्रुटि से भी बड़े व्यावसायिक अवरोध पैदा हो सकते हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. भविष्य में बड़ी कंपनियां मल्टी-क्लाउड रणनीति का उपयोग कर सकती हैं, लेकिन उससे व्यय बढ़ जायेगा. हमारी सरकार को भी चीन के तर्ज पर कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करने पर विचार करना चाहिए. (ये लेखक के निजी विचार हैं.)

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