देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं. बुधवार को चौबीस घंटे में संक्रमितों की संख्या में मुंबई में 70, तो दिल्ली में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दिल्ली में एक दिन में ऐसी बढ़त दो जून के बाद पहली बार हुई है. रोकथाम की कोशिश में अनेक शहरों में रात का कर्फ्यू लगाना पड़ा है. शैक्षणिक संस्थानों को फिर से बंद करने की नौबत आ गयी है. पहले से चिंता का कारण बने डेल्टा वैरिएंट से भी लोग संक्रमित हो रहे हैं तथा ओमिक्रॉन भी तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. नये वैरिएंट से देश के 21 राज्यों में 781 लोग संक्रमित हैं. सबसे अधिक मामले दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना में दर्ज हुए हैं.
पिछले 24 घंटे में देशभर में नये संक्रमणों के कुल 9195 मामले आये हैं. उल्लेखनीय है कि यह वैरिएंट अनेक देशों, विशेषकर फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका, में भी बहुत अधिक गति से फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही इस वायरस को चिंताजनक श्रेणी में रख चुका है. कई विशेषज्ञों ने चेताया है कि कुछ ही दिनों में संक्रमण व्यापक हो सकता है. संगठन ने फिर चेताया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट जिस गति से बढ़ रहा है, उस हिसाब से वह जल्दी से डेल्टा वैरिएंट से आगे निकल जायेगा. केंद्र सरकार पहले ही राज्यों को निर्देश जारी कर चुका है और राज्य सरकारें भी मुस्तैद दिख रही हैं.
दो साल से महामारी की चुनौती हमारे सामने है और हम इसके भयावह असर को देख चुके हैं. कोरोना वायरस एक ओर जहां लाखों लोगों की मौत का कारण बना है, वहीं इसने भारत समेत समूची दुनिया को अर्थव्यवस्था को तबाह किया है. बीते कुछ समय से आर्थिक वृद्धि पटरी पर आ रही है, पर अगर तीसरी लहर आती है, तो निश्चित ही नुकसान होगा. ऐसे में हमें निर्देशों का ठीक से पालन करना है और टीकाकरण अभियान में योगदान देना है. केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों को जागरूक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश को संबोधित करते हुए लोगों को सावधान रहने को कहा है.
उन्होंने देश को आश्वस्त किया है कि किसी आपात स्थिति का सामना करने के लिए स्वास्थ्य सेवा के मोर्चे पर पूरी तैयारी है. इसके बावजूद कई जगहों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि लोग मास्क लगाने से परहेज कर रहे हैं. बाजारों, सार्वजनिक स्थानों और आयोजनों में भीड़ भी हो रही है. हालांकि प्रशासन द्वारा निगरानी रखी जा रही है तथा जरूरत पड़ने पर सख्ती भी हो रही है, पर यह पर्याप्त नहीं है. लापरवाही बरत कर हम अपनी और अपनों की ही जान खतरे में डाल रहे हैं.
टीकाकरण अभियान के तहत आबादी के बड़े हिस्से को खुराक दी जा चुकी है और अब किशोरों को टीका देने तथा फ्रंटलाइनकर्मियों और बुजुर्गों के लिए बूस्टर डोज देने की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है. जिन्होंने हिचक या अन्य कारणों से वैक्सीन नहीं लिया है, उन्हें तुरंत टीका लगवाना चाहिए. सरकारों और नागरिकों के साझा प्रयास से ही महामारी को मात दी जा सकती है.