23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विनिर्माण में वृद्धि

बीते वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का निर्यात 778 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड है.

मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चल रहे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के दस साल पूरे हो गये हैं. इस अवधि में घरेलू उद्योगों का विस्तार करने के साथ-साथ विदेशी निवेश और कंपनियों को आकर्षित करने के लिए अनेक उपाय हुए हैं. लगातार होते सुधारों, नीतिगत परिवर्तन एवं पारदर्शिता, राजनीतिक स्थिरता, भ्रष्टाचार रोकने के लिए कड़े कदम, प्रक्रियाओं को सरल बनाने आदि के कारण कारोबारी सुगमता में शानदार प्रगति हुई है.

वर्ष 2014 में 25 सितंबर को जब ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की शुरुआत की गयी थी, तब भारत की गिनती ऐसी पांच अर्थव्यवस्थाओं में होती थी, जिनके विकास का सिलसिला कभी भी टूट सकता था, पर आज भारत शीर्षस्थ पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में है तथा कुछ ही वर्ष में उसके तीसरे स्थान पर पहुंचने की पूरी संभावना है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सही ही रेखांकित किया है कि तब सबसे बड़ी चुनौती उद्योगों का भरोसा जीतना था और इसमें कुछ समय भी लगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दशक की इस यात्रा की उपलब्धियों को बताते हुए कहा है कि विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात बढ़ा है तथा उत्पादन क्षमता में विकास हुआ है. इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है. ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस कड़ी में ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसी पहलों को भी जोड़ा है. उक्त अभियान में 25 क्षेत्रों को शामिल किया गया है. उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन योजना से वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र, रक्षा आदि क्षेत्रों में निर्यात में बड़ी वृद्धि हुई है.

ये उपलब्धियां इसलिए और महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी प्रतिस्पर्धा है. उत्पादन बढ़ने से घरेलू बाजार की कई जरूरतों के लिए आयात पर से निर्भरता घटी है और भारत विनिर्माण में भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है. यदि कोरोना महामारी, गंभीर भू-राजनीतिक संकट, वैश्विक आपूर्ति शृंखला में अस्थिरता जैसी बाधाएं नहीं आतीं, तो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की उपलब्धियां बहुत अधिक हो सकती थीं. इन उपलब्धियों से यह तो स्पष्ट है कि भविष्य को लेकर बड़ी उम्मीदें की जा सकती हैं.

भारतीय अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. आर्थिक आधार मजबूत होने तथा वैश्विक पटल पर छवि एवं प्रभाव में बढ़ोतरी से आज भारत निवेशकों और कंपनियों का पसंदीदा गंतव्य बन रहा है. दस वर्षों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 119 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बीते वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का निर्यात 778 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड है. इससे इंगित होता है कि भारत में निर्मित वस्तुओं में अंतरराष्ट्रीय बाजार में भरोसा बढ़ता जा रहा है. विनिर्माण की इस वृद्धि को गति देने की आवश्यकता है ताकि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बन सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें