कर संग्रहण में वृद्धि

इस वर्ष 17 दिसंबर तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह की राशि 13,63,649 करोड़ रुपये रही

By संपादकीय | December 20, 2022 8:09 AM

वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 25.90 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी हुई है. आयकर विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार, 17 दिसंबर तक कुल संग्रह की राशि 13,63,649 करोड़ रुपये रही. इसी अवधि में पिछले वर्ष 10,83,150 करोड़ रुपये संग्रहित किये गये थे. प्रत्यक्ष कर में कॉर्परेशान टैक्स, व्यक्तिगत आयकर तथा प्रतिभूति लेन-देन कर शामिल होते हैं. प्रत्यक्ष कर संग्रहण में इस उल्लेखनीय वृद्धि से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के असर से बहुत हद तक निकल चुकी है तथा कंपनियों एवं व्यक्तियों की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है.

इस वर्ष की पहली दो तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि के साथ करों के संग्रहण को देखा जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि पिछले माह कई महीनों के अंतराल के बाद मुद्रास्फीति की दर छह प्रतिशत से नीचे आयी है. मुद्रास्फीति में कमी से लोगों की आमदनी पर सकारात्मक असर पड़ेगा और भविष्य में कर संग्रहण में भी बढ़त बरकरार रहेगी.

इस क्रम में यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि कुल प्रत्यक्ष कर संग्रहण में वृद्धि के साथ वास्तविक संग्रहण में भी 19.81 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. यह आंकड़ा 11,35,754 करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में 9,47,959 करोड़ रुपये रहा था. वर्ष 2021-22 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रहण 14.10 लाख करोड़ रुपये हुआ था. इसे मद्देनजर रखते हुए चालू वित्त वर्ष में संग्रहण का लक्ष्य 14.20 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था.

ताजा आंकड़ों से इंगित होता है कि वित्त वर्ष के अंत तक न केवल इस लक्ष्य को हासिल किया जायेगा, बल्कि उससे अधिक राजस्व सरकारी कोष में आयेगा. प्रत्यक्ष कर जमा करने के बाद विभिन्न रियायतों के तहत कुछ राशि करदाताओं को वापस की जाती है. वर्तमान वित्त वर्ष में अब तक 2.28 लाख करोड़ रुपये वापस किये गये हैं. इसमें भी बीते साल इसी अवधि की तुलना में 68 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है.

पिछले कुछ वर्षों से कराधान प्रणाली में अनेक सुधार किये गये हैं तथा तकनीक को व्यापक स्तर पर अपनाया गया है. इससे कर जमा करने में सुविधा भी हुई है और पारदर्शिता भी आयी है. तकनीकी सुविधाओं के विस्तार ने करदाताओं के लिए आय और कर का विवरण देना सुगम हो गया है तथा उन्हें कार्यालयों के फेरे नहीं लगाने पड़ते हैं. हर खाता चूंकि अब पैन कार्ड और आधार संख्या से जुड़ा हुआ है, तो कर विवरण के पत्र पर सूचनाएं पहले से ही भरी होती हैं और कर दाता उसमें संशोधन कर सकता है या अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. नये करदाताओं की संख्या बढ़ना भी उत्साहजनक है और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है.

Next Article

Exit mobile version