हवाई यात्रा में बढ़ता दुर्व्यवहार निंदनीय
विमान में यात्री दुर्व्यवहार न करें, इसके लिए ठोस व्यवस्था करनी होगी. कुछ नये कड़े कानून लागू करने होंगे. पूरे देश को शर्मसार कर देने वाले लोगों को केवल 30 दिनों की हवाई यात्रा से प्रतिबंधित कर दिये जाने से उनके हौसले बढ़ेंगे और वे कल फिर से यही हरकत करेंगे.
कुछ दशक पहले एक आम भारतीय के लिए हवाई यात्रा न केवल दुर्लभ थी, बल्कि वह सपने में भी नहीं सोच सकता था कि एक दिन लोग हवाई यात्रा में आम लोग भी देश-विदेश की यात्रा कर पायेंगे. कर्नाटक के पूर्व सैनिक कैप्टन जीआरए गोपीनाथ ने सस्ती हवाई यात्रा के सपने को डेक्कन एयरवेज के माध्यम से सच कर दिखाया. अब सरकार विदेशों की तरह भारी संख्या में छोटे एयरपोर्ट के निर्माण या पहले की हवाई पट्टियों की मरम्मत कर हवाई यात्रा में क्रांति लाना चाहती है.
पर हवाई यात्राओं में बढ़ती अनुशासनहीनता और दुर्व्यवहार से इस पर एक नयी बहस शुरू हो गयी है कि भले ही आज की उड़ान ऊंची हो, पर लोगों की सोच घटिया हो रही है. हवाई यात्रा में यात्रियों द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में एक विमान कंपनी के बिजनेस क्लास में नशे में धुत एक यात्री ने बुजुर्ग महिला पर पेशाब कर दिया. हालांकि इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है. पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां किसी बदतमीज यात्री ने दूसरे के ऊपर पेशाब किया, केबिन में अश्लील हरकत या फिर अश्लील इशारे किये.
हाल का मामला इसलिए अलग है, क्योंकि विमान के स्टाफ ने पीड़िता को एक कोने में बैठा दिया, जबकि आरोपी को ऐसे ही छोड़ दिया गया, पीड़िता के मुताबिक. जब शिकायत पर बवाल मचा, तो एयरलाइंस ने आरोपी को 30 दिनों के लिए नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया. केबिन में इस तरह की बदतमीजी करने वाले केवल भारतीय ही नहीं हैं. पिछले वर्ष फरवरी में कैलिफोर्निया के एक यात्री ने साउथ वेस्ट एयरलाइंस के एक विमान में केबिन के फ्लोर पर न केवल पेशाब कर दिया था, बल्कि फ्लाइट अटेंडेंट से भद्दी बात भी की थी.
उस अमेरिकी यात्री पर फेडरल चार्ज लगे, उसे 20 वर्ष की जेल भी हो सकती है. पिछले वर्ष जून में ही एक और विदेशी यात्री ने नशे में खूब हंगामा किया था. उसने विमान में अपने भाई पर ही पेशाब कर दिया था. इस कारण लंदन से क्रेटे जा रहे विमान को कोर्फू में उतारा गया, आरोपी को ग्रीक पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
भारत में भी अप्रैल, 2021 में बेंगलुरु से नयी दिल्ली जा रही एक फ्लाइट में शराब के नशे में एक यात्री ने अपने कपड़े उतार दिये थे. उस यात्री को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था. दिल्ली से पटना जा रही एक फ्लाइट में हाल ही में एयर होस्टेस के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में दो यात्रियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि तीसरा शराबी भाग निकला. स्थापित शिष्टाचार के विरुद्ध इस तरह के आचरण से न केवल हवाई यात्रा की व्यवस्था में लगे लोग तनाव में आ जाते हैं, बल्कि यात्रियों के मन में भी आता है कि अब कड़े प्रावधान बनाने का समय आ गया है.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 2017 में घोषणा की थी कि विमान में नियमों को तोड़ना या काम में बाधा डालना दंडनीय अपराध है. यात्रियों के ऐसे व्यवहार से विमान की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. ऐसे में आरोपी यात्री के बारे में पायलट-इन-कमांड को शिकायत करनी होगी. एयरलाइंस द्वारा गठित एक आंतरिक समिति मामले की जांच करेगी. समिति को 30 दिन के भीतर निर्णय लेना होगा. साथ ही बताना होगा कि यात्री पर कितने दिन का प्रतिबंध लगाया जाए. नियम के तहत जांच के दौरान एयरलाइंस आरोपी पर प्रतिबंध लगा सकती है.
अगर कोई दोबारा अपराध करता है, तो पिछले अपराध की तुलना में प्रतिबंध की अवधि दोगुनी हो जायेगी. डीजीसीए के अनुसार, कानून के बाहर या अनियंत्रित व्यवहार तीन तरह के होते हैं. स्तर एक, यात्री ने मौखिक रूप से नियम तोड़ा हो. इसमें तीन महीने तक का प्रतिबंध है. स्तर दो, शारीरिक रूप से नियमों को भंग करना. इसमें छह महीने तक का प्रतिबंध लग सकता है. स्तर तीन, यात्री का व्यवहार जीवन को खतरे में डालने वाला हो.
ऐसे मामले में कम से कम दो वर्ष का प्रतिबंध है. अगर यात्री का व्यवहार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो, तो और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. वायुयान नियम 1937 की धारा 22 के तहत ऐसा कोई भी व्यक्ति विमान में सवार नहीं हो सकता जो क्रू मेंबर को धमकाये या डराये. उनके काम में हस्तक्षेप करे. हवाई यात्रा कभी अपने अनुशासन के लिए जानी जाती था.
विमान में प्रवेश करने पर एयरलाइंस-कर्मी की ओर से अनुशासन और अपनेपन को लेकर बहुत अच्छा व्यवहार किया जाता रहा है, जिससे लगता है कि यात्रियों को ऊंचा दर्जा दिया जा रहा है. पर यात्रियों को शराब परोसने के दौरान विमान परिचारिकाओं से बदतमीजी करना अब आम होता जा रहा है, जिस पर लगाम की जरूरत है.
विमान में यात्री दुर्व्यवहार न करें, इसके लिए ठोस व्यवस्था करनी होगी. कुछ नये कड़े कानून लागू करने होंगे. पूरे देश को शर्मसार कर देने वाले लोगों को केवल 30 दिनों की हवाई यात्रा से प्रतिबंधित कर दिये जाने से उनके हौसले बढ़ेंगे और वे कल फिर से यही हरकत करेंगे. ऐसी हरकतों को अपराध की श्रेणी में रखते हुए यदि कम से कम पांच वर्ष तक के कारावास की व्यवस्था की जाए, तो कोई भी ऐसी हरकत करने की हिम्मत नहीं करेगा. हवाई यात्रा हो, रेल यात्रा हो या फिर बस यात्रा, किसी के साथ बदतमीजी करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है.