सतर्कता जरूरी
भारत ने महामारी पर नियंत्रण तो पा लिया है और अगली लहर को रोक पाने में भी हम सक्षम हैं, लेकिन अगर हम मुस्तैद नहीं रहेंगे, तो मुश्किल में भी पड़ सकते हैं.
यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामलों के बढ़ने की खबरें चिंताजनक हैं. भारत में अनेक विशेषज्ञ इस संबंध में विश्लेषण में जुटे हैं कि क्या नया वैरिएंट महामारी की चौथी लहर की वजह बन सकता है. पिछली लहरों में सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में सतर्कता बढ़ा दी गयी है. केंद्र सरकार ने भी राज्यों से पूरी सावधानी बरतने का निर्देश दिया है.
सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियों पर नजर रखने को भी कहा गया है. सबसे अहम बात यह है कि कोई भी लक्षण, जो नये वैरिएंट या नये संक्रमण से जुड़ा हो, अगर समय रहते पकड़ में आ जाता है, तो महामारी को काबू में रख पाना आसान होगा. पिछले सप्ताह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के नेतृत्व में उच्चस्तरीय बैठक भी हुई थी.
राज्यों को भेजे निर्देश में कहा गया है कि समुचित संख्या में नमूनों को जांच और अनुसंधान के लिए भेजा जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि पिछली लहरों के अनुभव और तैयारियों की वजह से भारत किसी भी संभावित स्थिति का सामने करने के लिए तैयार है. वयस्क आबादी के बड़े हिस्से का टीकाकरण हो चुका है और बाकी लोग भी खुराक ले रहे हैं.
बारह वर्ष से अधिक आयु के किशोरों का भी टीकाकरण शुरू हो चुका है. यह बात लगातार कही जा रही है तथा भारत और अन्य देशों के शोध से भी साबित हो चुकी है कि टीका लगाने के बाद यदि संक्रमण होता भी है, तो उसका असर बहुत मामूली होता है तथा जान को कोई खतरा नहीं होता. इसलिए बिना किसी हिचक और देरी के सभी को टीके की खुराक लेनी चाहिए.
साथ ही, कोरोना से बचाव के लिए निर्देशों का पालन भी ठीक से किया जाना चाहिए. मास्क लगाना, हाथ धोना तथा दूरी बरतना बहुत जरूरी है. किसी भी प्रकार की लापरवाही हमारे लिए और हमारे परिजनों के लिए परेशानी की वजह हो सकती है. यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि चीन में हाल में जो संक्रमण बढ़ा है, वह दो साल में सबसे अधिक है. ओमिक्रॉन संक्रमण की तेज गति हम कुछ माह पहले अमेरिका, यूरोप और भारत में देख चुके हैं.
दुनिया के अनेक देशों की तरह भारत ने महामारी पर नियंत्रण तो पा लिया है और अगली लहर को रोक पाने में भी हम सक्षम हैं, लेकिन अगर हम मुस्तैद नहीं रहेंगे, तो मुश्किल में भी पड़ सकते हैं. पिछले दिन संक्रमण के 1761 नये मामले आये थे, जो दो साल की सबसे कम दैनिक संख्या है. संक्रमितों की वर्तमान संख्या भी घटकर 26 हजार के आसपास है.
आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों में तेजी आने से अर्थव्यवस्था भी संतोषजनक ढंग से अग्रसर है. इस सकारात्मक पृष्ठभूमि में हमें यह सुनिश्चित करना है कि महामारी को कोई और अवसर न मिले. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कुछ दिन पहले चेतावनी दी है कि यह समझना गलत है कि महामारी खत्म हो चुकी है.