13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बढ़ती सामरिक शक्ति

भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की कोशिश के साथ बड़े हथियारों और साजो-सामान बनाने को अपनी प्राथमिकता बनाया है.

कुछ दिन पहले दिव्यास्त्र परियोजना के अंतर्गत अत्याधुनिक अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण भारत की सुदृढ़ होती रक्षा क्षमता में नया अध्याय है. अग्नि-5 मिसाइल की प्रमुख विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से देश में विकसित की गयी है तथा इसमें लगे सभी कल-पुर्जों का निर्माण भी भारत में हुआ है. इस अंतर-महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल में मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हिकल तकनीक जुड़ी हुई है, जिससे एक ही मिसाइल में अनेक बम लगाये जा सकते हैं़ हालांकि इसकी घोषित मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर है, पर विशेषज्ञों का आकलन है कि इसे आठ हजार किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि समूचा चीन इसके निशाने के दायरे में आ गया है. इस परीक्षण के साथ भारत ऐसी तकनीक से लैस हथियार रखने वाले देशों- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन- की श्रेणी में आ गया है. पाकिस्तान भी ऐसी मिसाइल विकसित करने की कोशिश में है. चीन और पाकिस्तान का जो रवैया है, उसे देखते हुए विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक हथियारों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है. भारत के रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जेनरल अनिल चौहान ने रेखांकित किया है कि चीन हमारी प्रमुख रक्षा चुनौती है तथा आर्थिक संकट के बावजूद पाकिस्तान की सैन्य क्षमता में कोई कमी नहीं आयी है.

भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की कोशिश के साथ बड़े हथियारों और साजो-सामान बनाने को अपनी प्राथमिकता बनाया है. मिसाइल दागने की क्षमता से युक्त परमाणु-चालित पनडुब्बी बनाने का काम भी चल रहा है. नौसेना को शक्तिशाली बनाने के लिए भारत में ही विभिन्न प्रकार के युद्धपोतों का निर्माण हो रहा है, जिनमें से कुछ को तैनात भी कर दिया गया है. इस कड़ी में मार्च 2019 में किया गया उपग्रह-रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण विशेष रूप से उल्लेखनीय है. उसे मिशन शक्ति का नाम दिया गया था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उचित ही कहा था कि इस क्षमता के साथ भारत अभिजात्य अंतरिक्ष शक्तियों के समूह में शामिल हो गया है. उल्लेखनीय है कि भारत सरकार एक रॉकेट फोर्स स्थापित करने के बारे में भी विचार कर रही है. विभिन्न प्रकार की मिसाइलों के निर्माण और तैनाती के मामले में भारत का शानदार रिकॉर्ड रहा है. अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भी हमारी विशिष्ट उपस्थिति है. आत्मनिर्भरता के प्रयासों के अलावा कई तरह के नीतिगत बदलावों ने भी रक्षा परिदृश्य को नये आयाम दिये हैं. निजी भागीदारी और अनेक देशों के सहयोग ने रक्षा शक्ति में बढ़ोतरी के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी गति मिली है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें