भारत-सऊदी संबंध
दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं और इस क्षेत्र में परस्पर सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान की भावी यात्रा भारत और खाड़ी देशों के बीच गहरे होते संबंधों की कड़ी में अहम मोड़ साबित हो सकती है. उल्लेखनीय है कि भारत अगले महीने जी-20 समूह की अध्यक्षता संभालने जा रहा है तथा अगले साल इस समूह के देशों की शिखर बैठक भारत में होनी है. अभी विश्व के समक्ष जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना तथा सतत विकास के लिए प्रयास करना प्रमुख प्राथमिकताओं में है. ऊर्जा व्यापार में भारत और सऊदी अरब का साझा संबंध बहुत मजबूत है.
भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का बड़ा हिस्सा सऊदी अरब से आयात करता है तथा तेल एवं गैस का निर्यात सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है. दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं और इस क्षेत्र में परस्पर सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं. यदि दुनिया वर्तमान दर से जीवाश्म ईंधनों का उपभोग जारी रखती है, तो इनके स्रोत आगामी चार-पांच दशकों में समाप्त हो जायेंगे.
इसका दूसरा परिणाम यह होगा कि तब तक कार्बन उत्सर्जन इतना अधिक हो चुका होगा कि धरती का तापमान जीने लायक नहीं होगा तथा प्राकृतिक आपदाएं प्रलयकारी हो चुकी होंगी. अगर 2050 तक तापमान के स्तर को दो डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य हासिल होता है, तो 80 फीसदी कोयला, 50 फीसदी गैस तथा 30 फीसदी तेल भंडार इस्तेमाल के लायक नहीं रहेंगे. भंडार कम होने लगेंगे, तो खनन भी बहुत महंगा होता जायेगा.
ऐसे में महत्वपूर्ण उत्पादक और उपभोक्ता होने के नाते सऊदी अरब और भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर विश्व को ले जाने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. भारत उन देशों में है, जो बहुत तेज गति से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना रहा है तथा इस क्षेत्र में निवेश कर रहा है. बहुत समय से सऊदी सरकार इस संबंध में सहकार के लिए प्रयासरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने में लगा हुआ है, साथ ही भारत और फ्रांस की अगुवाई में सौ से अधिक देशों का सौर गठबंधन भी सक्रिय है.
इन प्रयासों में सऊदी अरब महत्वपूर्ण सहयोगी हो सकता है. भारत अपने व्यापक मानव संसाधन और तकनीकी अनुभवों से सऊदी अरब को उल्लेखनीय मदद मुहैया करा सकता है. वास्तव में, कई दशकों से बड़ी संख्या में भारतीय सऊदी अरब एवं अन्य खाड़ी देशों की विकास यात्रा के महत्वपूर्ण आधार हैं. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने देश में अत्याधुनिक शहरों का निर्माण कर रहे हैं. उम्मीद है कि इस यात्रा से परस्पर सहयोग के नये युग का सूत्रपात होगा.