भारत की चेतावनी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रेखांकित किया है कि भारत अपने राष्ट्रीय झंडे को अपमानित करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं कर सकता है

By संपादकीय | April 5, 2023 6:57 AM

पिछले कुछ महीनों से अनेक पश्चिमी देशों में हो रहीं भारत-विरोधी गतिविधियों से भारत का चिंतित होना स्वाभाविक है. इन उग्र एवं हिंसक गतिविधियों का उद्देश्य भारत में अस्थिरता और अलगाववाद को उकसाना है. बीते माह एक उन्मादी भीड़ ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के भवन पर लगे तिरंगे को हटाने की प्रयास किया था. इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी निंदनीय प्रदर्शन हुए थे. ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों को निशाना बनाया गया, तो कनाडा में महात्मा गांधी की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया.

अमेरिका में एक भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगाने की कोशिश की गयी. भारत को तोड़कर खालिस्तान बनाने का मंसूबा पाले कुछ संगठन कई पश्चिमी देशों में सक्रिय हैं. जिस प्रकार भारत में पंजाब में शांति भंग करने की कोशिशें हुई हैं और उनके साथ-साथ विदेशों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं, उन्हें देखते हुए यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि यह सब एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हो रहा है. भारत ने राष्ट्रीय झंडे तिरंगे को अपमानित करने, भारतीय दूतावासों पर हमला करने, भारतीय मूल के लोगों को निशाना बनाने, मंदिरों में तोड़-फोड़ करने की घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन देशों की सरकारों से खालिस्तानी अलगाववादियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने तथा भारतीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. एक बार फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रेखांकित किया है कि भारत अपने राष्ट्रीय झंडे को अपमानित करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं कर सकता है. जिन देशों में ऐसी घटनायें हुई हैं, उनसे भारत के अच्छे संबंध हैं. इसके बावजूद ये देश अगर अलगाववादी हिंसा को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं, तो यह बेहद चिंताजनक है.

दूतावासों और उच्चायोगों तथा विदेशी मूल के लोगों की रक्षा का दायित्व मेजबान सरकार का है. हालांकि उन सभी सरकारों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है, पर अगर फिर भी अतिवादी नहीं धरे जाते हैं, उपद्रवी तत्वों को नहीं पकड़ा जाता है, तो इस तरह के आश्वासन पर भरोसा करना मुश्किल है. जयशंकर ने देश के क्षोभ को व्यक्त करते हुए कहा है कि उनका संदेश केवल कथित खालिस्तानियों के लिए नहीं है, ब्रिटेन के लिए भी है. अगर तिरंगे का कोई अनादर करने की कोशिश करेगा, तो हम इसे और बड़ा बना देंगे. उल्लेखनीय है कि लंदन उच्चायोग की घटना के बाद बहुत बड़ा झंडा इमारत पर लगाया गया है.

Next Article

Exit mobile version