भारत की भूमिका
पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को भरोसा दिलाया है कि भारत किसी भी शांति प्रयास का समर्थन करता है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि शांति फाॅर्मूले को लागू करने के लिए उन्हें भारत की मदद का भरोसा है. इस वर्ष 24 फरवरी से शुरू हुए रुस-यूक्रेन युद्ध के थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. इंडोनेशिया में हुए जी-20 समूह की बैठक के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दस सूत्री फाॅर्मूला वैश्विक नेताओं के सामने रखा था. भारत एक दिसंबर से इस समूह का अध्यक्ष है.
भारत सरकार की ओर से जानकारी दी गयी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को भरोसा दिलाया है कि भारत किसी भी शांति प्रयास का समर्थन करता है. उन्होंने तुरंत लड़ाई रोकने तथा संवाद एवं कूटनीति का रास्ता अपनाने का आह्वान किया है. कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की थी. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन संबंधी प्रस्तावों का समर्थन करने तथा मानवीय सहायता भेजने के लिए भारत के प्रति आभार भी व्यक्त किया है.
कुछ समय पहले हुई ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से आमने-सामने की बातचीत में स्पष्ट रूप से कहा था कि इक्कीसवीं सदी में युद्ध के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए. विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से भी प्रधानमंत्री मोदी युद्ध के स्थान पर बुद्ध के संदेशों का पालन करने का आह्वान करते रहे हैं. उल्लेखनीय है कि रूस से सस्ता तेल खरीदने पर अमेरिका व यूरोप के अनेक देशों ने भले ही भारत से अपनी आपत्ति जतायी हो, पर रूस-यूक्रेन मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन,
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों समेत अनेक पश्चिमी नेता प्रधानमंत्री मोदी के रूख की प्रशंसा कर चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी और जेलेंस्की की बातचीत की रिपोर्ट देते हुए पश्चिमी मीडिया ने भी भारत की सराहना की है. उल्लेखनीय है कि जी-20 समूह की बैठक में कड़े शब्दों में युद्ध की निंदा करते हुए जो घोषणा हुई थी, उसे तैयार करने में प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी भूमिका रही थी.
भारत ने रूस व यूक्रेन के साथ अपने संबंधों के बारे में अपनी स्थिति को स्पष्ट रूप से दुनिया के समक्ष रखा है. हमारी ओर से यह भी बार-बार कहा गया है कि युद्ध को रोकने के लिए भारत जो भी कर सकता है, वह करेगा. चाहे पश्चिमी देश हों या फिर रूस व यूक्रेन, वे सभी भारत की ओर देख रहे हैं. उन्हें पता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के साथ वैश्विक हितों का भी आकांक्षी है. यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा व प्रभाव को इंगित करता है. प्रधानमंत्री मोदी ने उचित ही रेखांकित किया है कि भारत ने विश्व में एक विशेष स्थान अर्जित किया है.