युवाओं के लिए पहल
मेरा युवा भारत योजना निश्चित तौर पर ऐसे युवाओं की सहायता कर सकती है, जो सुविधाओं और उचित मार्गदर्शन की कमी की वजह से बस किताबी ज्ञान में उलझे रह जाते हैं.
केंद्र सरकार ने मेरा युवा भारत नाम के एक नये निकाय के गठन का फैसला किया है. इसका उद्देश्य देश को युवाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में बढ़ाना है. एमवाई भारत एक स्वायत्त निकाय होगा, जो सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्तूबर को एक पोर्टल जारी करेगा. इसके माध्यम से युवाओं को अपनी पसंद के स्वैच्छिक कार्यों को चुनने का अवसर मिल सकेगा. यह नौकरी नहीं होगी, ना ही इसमें वेतन मिलेगा, पर इसका महत्व केवल इस आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए. किसी भी नौकरी या काम के लिए दो चीजें सबसे जरूरी होती हैं- योग्यता और अवसर. जहां तक योग्यता का प्रश्न है, तो सामान्यतः इसे केवल पढ़ाई से जोड़ लिया जाता है. पर, किताबी ज्ञान और उसका प्रयोग दोनों अलग बात होती है. इसलिए बहुत सारे शिक्षण संस्थानों में, विशेषकर प्रोफेशनल विषयों की पढ़ाई में इंटर्नशिप अनिवार्य होता है. इसके तहत छात्र अपनी पढ़ाई से जुड़े पेशों में कुछ समय बिताकर काम का अनुभव अर्जित करते हैं.
इस अनुभव से नौकरी के लिए जरूरी दोनों चीजों के बारे में लाभ होता है. पेशे की समझ से वास्तविक अर्थों में योग्यता भी बढ़ती है और इस अनुभव के आधार पर नये अवसर भी बनते हैं. ऐसा भी होता है कि स्वैच्छिक कार्यों के दौरान ही छात्र अपनी प्रतिभा की ऐसी छाप छोड़ते हैं कि उन्हीं जगहों पर उन्हें नौकरी पर रख लिया जाता है. मेरा युवा भारत योजना निश्चित तौर पर ऐसे युवाओं की सहायता कर सकती है, जो सुविधाओं और उचित मार्गदर्शन की कमी की वजह से बस किताबी ज्ञान में उलझे रह जाते हैं और वास्तविक दुनिया से सामना होने पर खुद को असहाय महसूस करते हैं. भारत की युवा शक्ति की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा था कि दुनिया में 30 वर्ष से कम उम्र की सबसे बड़ी आबादी हमारे देश में है और उनकी बदौलत भारत अपने सारे लक्ष्यों को पूर्ण कर सकता है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारत में अभी 15-29 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की आबादी 40 करोड़ है और मेरा युवा भारत की पहल से उनकी असल क्षमता निखर सकेगी, उनमें नेतृत्व क्षमता का भी विकास हो सकेगा. भारत की युवा आबादी के लिए रोजगार का प्रबंध करना बहुत जरूरी है. बेरोजगारी या मजबूरी में किये जाने वाले कामों से असंतोष और असमानता बढ़ती है और देश का विकास प्रभावित होता है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और मेरा युवा भारत जैसे प्रयास भारत को विकसित देश बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं.