इंटरनेट का विस्तार

बीते एक दशक में स्मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट के विस्तार में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

By संपादकीय | December 21, 2022 8:03 AM

दुनिया की महत्वपूर्ण तकनीकी कंपनियों में एक गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि जल्दी ही भारत एक बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था बन जायेगा तथा देश को मुक्त एवं विस्तृत इंटरनेट से लाभ होगा. उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष (2021-22) में भारत ने 400 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया था, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों तथा जिला प्रशासन के साथ समन्वय से ऐसी व्यवस्था स्थापित की है, जिसका लक्ष्य निर्यात प्रक्रिया को सरल एवं समावेशी बनाना है.

सरकार उद्योगों और निर्यातकों के लिए समुचित इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ अनुकूल नीतियों और योजनाओं को भी लागू कर रही है. इस संबंध में उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन योजना तथा देश की पहली लॉजिस्टिक नीति अहम पहले हैं. इन प्रयासों में डिजिटल तकनीक की बड़ी भूमिका है. न केवल अर्थव्यवस्था के विकास में, बल्कि नागरिकों के रहन-सहन, कल्याणकारी पहलों, समावेशी बैंकिंग प्रणाली, स्वास्थ्य सेवा, सेवाओं की उपलब्धता आदि के लिए डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

स्मार्टफोन की संख्या एक अरब के आसपास पहुंच रही है, 133 करोड़ आधार कार्ड हैं, 80 करोड़ से अधिक लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब 5जी तकनीक का भी विस्तार हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचार दृष्टि के अनुरूप जुलाई, 2015 में डिजिटल इंडिया अभियान का प्रारंभ हुआ था. इसके अंतर्गत एनी योजनाओं के साथ गांव-गांव तक ब्रॉडबैंड सुविधा पहुंचाने का उपक्रम चल रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी का उपयोग शुरू कर दिया है.

भूमि संबंधी विवरणों को डिजिटल रूप में संग्रहित किया जा रहा है. ब्लॉकचेन तकनीक के इस्तेमाल की कोशिशें भी हो रही हैं. आकलनों की मानें, तो 2025 तक भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जायेगी, जो 2018 में 200 अरब डॉलर थी. देश में तकनीक का उपयोग किस गति से बढ़ रहा है, इसका अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि बीते एक दशक में स्मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट के विस्तार में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इंटरनेट डाटा दरें बहुत कम है.

इससे यूजर भी बढ़े हैं तथा डिजिटल विषमता को भी पाटने में मदद मिल रही है. ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने में भी इसका योगदान है. वित्तीय लेन-देन की सहूलियत और पारदर्शिता के बिना अर्थव्यवस्था का विकास सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है. लाभार्थियों के खाते में राशि भेजने की प्रक्रिया तथा यूपीआई भुगतान प्रणाली ने वैश्विक स्तर पर भारत की डिजिटल प्रगति की ओर ध्यान खींचा है.

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