आइपीएल में बरसता धन

IPL Auction 2025: आइपीएल की नीलामी ने साल-दर-साल जो व्यापक स्वरूप अख्तियार कर लिया है, वह क्रिकेट को भव्य स्वरूप देने की उसकी प्रकृति का ही सबूत है. इस बार भी जेद्दा में दो दिन तक चली आइपीएल की नीलामी में सैकड़ों क्रिकेटरों पर नोटों की बारिश हुई.

By संपादकीय | November 26, 2024 6:40 AM
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IPL Auction 2025 : यह संयोग नहीं है कि तेल के कुओं और अमीरी के कारण पहचाने जाने वाले देश सऊदी अरब के जेद्दा में आइपीएल की नीलामी टीम इंडिया द्वारा बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को विशाल अंतर से पटखनी देने की पृष्ठभूमि में संपन्न हुई है. इस जीत ने जहां एक बार फिर क्रिकेट में भारत को एक शक्ति के रूप में स्थापित किया, वहीं उससे दूर जेद्दा में आइपीएल के क्रिकेटरों की नीलामी इस खेल के प्रति लोगों और बाजार की दीवानगी के बारे में बताती है.

आइपीएल की नीलामी ने साल-दर-साल जो व्यापक स्वरूप अख्तियार कर लिया है, वह क्रिकेट को भव्य स्वरूप देने की उसकी प्रकृति का ही सबूत है. इस बार भी जेद्दा में दो दिन तक चली आइपीएल की नीलामी में सैकड़ों क्रिकेटरों पर नोटों की बारिश हुई. यह दूसरा अवसर है, जब आइपीएल के लिए खिलाड़ियों की नीलामी देश से बाहर हुई. यही नहीं, इस बार नीलामी में 574 खिलाड़ियों की जो सूची जारी की गयी, उनमें 208 विदेशी खिलाड़ी थे. खिलाड़ियों का बेस प्राइस भी इस बार पिछली बार के 20 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर दिया गया. और यह भी लगातार दूसरे साल हुआ, जब नीलामी में खिलाड़ी 20 करोड़ के पार गये. पहले दिन ऋषभ पंत आइपीएल के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे महंगे खिलाड़ी, तो श्रेयस अय्यर दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी बने.

नीलामी के दूसरे दिन, जाहिर है, मुंबई, चेन्नई और आरसीबी पर सबसे ज्यादा नजरें रहीं और भुवनेश्वर कुमार व मुकेश कुमार जैसों की पूछ-परख हुई. अब तक की नीलामी से यह भी संदेश गया है कि शीर्ष पांच सबसे महंगे क्रिकेटर भारतीय हैं. यानी इसे आइपीएल में भी ‘मेड इन इंडिया’ के तौर पर देखा जा सकता है. इसमें कोई शक नहीं कि क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में और छोटे कसबों-शहरों के क्रिकेटरों को महत्व देने में आइपीएल का बड़ा योगदान रहा है. ऐसे ही, इसमें होने वाली नीलामी जहां क्रिकेटरों के महत्व के बारे में बताती है, वहीं इससे क्रिकेट के खेल में भारत की एक ताकत होने, और अपने यहां क्रिकेट के विशाल बाजार होने का भी पता चलता है.

हालांकि फटाफट क्रिकेट के वर्चस्व के इस दौर में कई बार टेस्ट क्रिकेट में हमारे पिछड़ने के भी उदाहरण सामने आते हैं. कई अनुभवी क्रिकेटर यह भी कह चुके हैं कि घरेलू स्तर पर होने वाली रणजी और दलीप ट्रॉफी जैसी प्रतिस्पर्धाओं की अनदेखी करना ठीक नहीं. ये सारी बातें अपनी जगह सही हैं, लेकिन इसमें भी दो राय नहीं कि आइपीएल ने क्रिकेट को पहले से कहीं ज्यादा व्यापक और लोकप्रिय बनाया है.

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